नारी डेस्क: 'कांटा लगा' गर्ल के नाम से मशहूर अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का हाल ही में मुंबई में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। उनके निधन ने फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के साथ-साथ उनके चाहने वालों को भी गहरा सदमा दिया है। इस दुखद मौके पर एक और अहम बात सामने आई है -शेफाली पिछले 15 सालों से मिर्गी (Epilepsy) की बीमारी से भी जूझ रही थीं।
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या मिर्गी जैसी बीमारी हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकती है? आइए एक्सपर्ट की राय से समझते हैं।
शेफाली जरीवाला को थी मिर्गी की बीमारी
शेफाली ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में बताया था कि वह 15 सालों से एपिलेप्सी यानी मिर्गी की मरीज थीं। इस बीमारी के कारण उन्हें न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) से जुड़ी दिक्कतें भी थीं। वह लंबे समय तक तनाव और डिप्रेशन से भी जूझती रहीं, जिससे उनकी दिनचर्या और कामकाज पर असर पड़ा।
क्या मिर्गी से हो सकता है कार्डियक अरेस्ट?
मिर्गी एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो लंबे समय तक शरीर की हृदय क्रिया (heart function) पर असर डाल सकता है।
मिर्गी के कारण दिल पर क्या असर होता है?
मिर्गी के दौरे के दौरान व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। दिल की धड़कनों में अनियमितता (Irregular heartbeat) हो सकती है। कुछ मामलों में दौरे के समय सडन कार्डियक अरेस्ट (अचानक दिल का रुक जाना) भी हो सकता है। यह स्थिति ज्यादा गंभीर तब हो जाती है जब मिर्गी का इलाज समय पर न हो या मरीज की मानसिक स्थिति लगातार खराब बनी रहे।
मिर्गी के दौरे कैसे होते हैं?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मिर्गी के दौरे अलग-अलग तरह के हो सकते हैं, जैसे-
अचानक शरीर में झटके आना
आंखें पलटना या फड़कना
मुंह से झाग आना
कुछ समय के लिए होश या नजर चला जाना
किसी अंग में लगातार कंपन होना
किस उम्र में हो सकती है मिर्गी?
5 साल से कम उम्र में मिर्गी होने का मतलब है कि बीमारी जन्म से है। 60 साल से ऊपर के लोगों में मिर्गी स्ट्रोक या हृदय रोग की वजह से होती है। शेफाली की उम्र मात्र 42 साल थी, ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी मिर्गी के साथ-साथ लाइफस्टाइल, तनाव, और संभावित दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी उनके निधन का कारण हो सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, मिर्गी और कार्डियक अरेस्ट के बीच सीधा संबंध हो सकता है, खासकर जब मिर्गी लंबे समय से हो और ठीक से कंट्रोल में न हो।
शेफाली जरीवाला का निधन न सिर्फ एक बड़ी क्षति है, बल्कि यह घटना हमें याद दिलाती है कि मिर्गी जैसी बीमारियों को नजरअंदाज न किया जाए, और समय पर इलाज व मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।