25 APRTHURSDAY2024 5:00:29 PM
Nari

लटके हुए पेट का कारण कहीं Bulky Uterus तो नहीं? इन संकेतों को न करें अनदेखा

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 30 Mar, 2022 10:16 AM
लटके हुए पेट का कारण कहीं Bulky Uterus तो नहीं? इन संकेतों को न करें अनदेखा

लटका हुआ पेट ना सिर्फ पर्सनैलिटी बिगाड़ता है बल्कि यह कई बीमारियों का घर भी है। प्रेगनेंसी, अनियमित खान, गलत जीवशैली के कारण करीब 80% महिलाओं को बैली फैट बढ़ने की शिकायत है। वहीं, इनमें से कई महिलाओं में बैली फैट या पेट के निचले हिस्से में मोटापा बढ़ने का कारण Bulky Uterus यानि बच्चेदानी में सूजन भी हो सकती है। चलिए जानते हैं कि क्या है बल्की यूट्रस और कैसे करें इसका इलाज...

क्या है बल्की यूट्रस?

महिला के शरीर में यूट्रस एक अहम हिस्सा माना जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाश्य का साइज बढ़ जाता है लेकिन कई बार ऐसा सूजन की वजह से भी हो सकता है। मेडिकल भाषा में इसे भारी गर्भाश्य और बल्की यूट्रस भी कहा जाता है।

PunjabKesari

बच्चेदानी में सूजन के लक्षण

. अनियमित पीरियड्स
. पेट के निचले हिस्से और पीठ में दर्द
. बार-बार पेशान आना
. इंटरकोर्स के समय दर्द
. पेट के निचले हिस्से में भारीपन
. थकान और कमजोरी महसूस होना
. एसिडिटी और कब्ज रहना
. प्राइवेट पार्ट में खुजली और जलन 

PunjabKesari

बच्चेदानी में सूजन के कारण

हद से ज्यादा टाइट कपड़े पहनना, अधिक भूख लगना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी कम करने वाली महिलाओं को यह समस्या अधिक हो सकती है। इसके अलावा..

. कब्ज या गैस की समस्या रहना
. यूट्रस में छोटी गांठें या फाइब्रॉएड
पीसीओएस, ओवेरियन सिस्ट के कारण भी बच्चेदानी में सूजन आ सकती हैं। 

अब जानिए इस सूजन का इलाज 

. फाइब्राइड्स के चलते बच्चेदानी में सूजन है तो गाइनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। 
. वैसे तो दवाओं के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है लेकिन आप लैप्रोस्कोपिक सर्जरी का सहारा भी ले सकती हैं।
. लाइफस्टाइल को सही रखें और वजन को बढ़ने ना दें। स्वस्थ भोजन खाएं और योग, एक्सरसाइज व सैर को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं।
. दिनभर एक जगह पर बैठी ना रहें क्योंकि इससे गर्भाशय पर दबाव पड़ता है, जिससे सूजन आ सकती है।

PunjabKesari

घरेलू नुस्खे भी हैं कारगार

. सौंठ और नीम के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से भी बच्चेदानी की सूजन से आराम मिलता है।
. हल्दी वाला दूध भी सूजन कम होती है और इसके लक्ष्णों से राहत मिलती है।
. रात को दूध भिगो दें और सुबह दोनों का सेवन करें। इससे भी आराम मिलेगा।
. डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, सूखे मेवे जैसी हैल्दी चीजें शामिल करें।

Related News