कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन टीका बनाने वाली भारत बायोटेक कंपनी के लिए बुरी खबर सामने आई है। दरअसल, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अमेरिका ने इमरजेंसी मंजूरी देने से मना कर दिया है, जिसके बाद इसके यूज के लिए कुछ और देर इंतजार करना पड़ सकता है।
अमेरिका में नहीं मिली कोवैक्सीन को मंजूरी
पिछले दिनों अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन ने कोवैक्सीन के लिए FDA (अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) के पास मास्टर फाइल भेजकर टीके के इमरजेंसी यूज की इजाजत मांगी थी। FDA ने कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल प्राधिकरण (EUA) आवेदन को खारिज कर दिया है। इसके कारण अब अमेरिका में कोवैक्सीन देरी से लॉन्च होगी। FDA ने वैक्सीन के लिए नैदानिक परीक्षणों पर अधिक डेटा की मांग की, जिसकी पूरी सीमा में अभी भी कमी है।
FDA द्वारा क्यों अस्वीकार की गई कोवैक्सीन?
हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी के यूएस पार्टनर Ocugen के एक बयान में बताया कि FDA ने भारत बायोटेक के Covaxin पर अतिरिक्त जानकारी और डेटा का अनुरोध किया। FDA ने भारत बायोटेक के अमेरिका में Covaxin, Covid-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया क्योंकि कंपनी ने इस साल मार्च से आंशिक परीक्षण डेटा प्रस्तुत किया था। FDA ने Ocugen को अतिरिक्त परीक्षण डेटा प्रस्तुत करने के लिए कहा है ताकि कंपनी BLA के लिए फाइल कर सके, जो कि एक पूर्ण मंजूरी है। मगर, इसके बावजूद, Ocugen सभी मानदंडों को पूरा नहीं कर पाया।
Covaxin के चरण -3 परीक्षण डेटा की कमी
एफडीए ने कहा था कि ऑक्यूजेन वैक्सीन के लिए EUA आवेदन की बजाए BLA सबमिशन पर ध्यान दें। साथ ही उन्होंने वैक्सीन की अतिरिक्त जानकारी और डेटा मांगा था। कंपनी ने मास्टर फाइल में प्रीक्लिनिकल रिसर्च, केमिकल, विनिर्माण व नियंत्रण (CMC) और क्लिनिकल रिसर्च को भेजा था। वहीं, कंपनी ने अभी तक टीके के तीसरे ट्रायल का डाटा अभी तक शेयर नहीं किया है।
दोबारा कराना होगा वैक्सीनेशन
गाइडलाइन्स के मुताबिक, जिन छात्रों ने भारत में कोवैक्सीन या स्पुतनिक-वी डोज लगाई हैं उन्हें अमेरिका जाने के बाद फिर से वैक्सीनेशन करवाना पड़ सकता है। अमेरिका में उन्हें दोबारा वह डोज लगाई जाएगी, जिन्हें WHO द्वारा अप्रूव किया गया है।
8 वैक्सीन को मिला अप्रूवल
बता दें कि WHO ने अभी तक सिर्फ 8 वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया है, जिसमें 3 वैक्सीन अमेरिका के हैं। इसमें फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन, कोविशील्ड, चीन की साइनोवैक को भी मंजूरी मिल चुकी है।