डायबिटीज यानि कि शुगर, जिसके शिकार सिर्फ उम्रदराज ही नहीं बल्कि बच्चे भी हो रहे हैं। इस बीमारी का सीधा कनैक्शन हमारे लाइफस्टाइल और टेंशन से हैं। वहीं जो लोग इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं उन्हें अपनी लाइफस्टाइल को हैल्दी रखने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वहीं शुगर पेशेंट के लिए योग बहुत जरूरी है। इन मरीजों के लिए आज इस आर्टिकल में हम कुछ योगासन बताते हैं जो डायिबिटीक पेशेंट्स के लिए बहुत फायदेमंद है।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन, ब्लड सर्कुलेशन को सही रखता है और दिमाग को शांत। इससे शुगर व ब्लड प्रैशर कंट्रोल में रहता है। रीढ़ की हड्डी में खिंचाव होने से मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आती है। ऐसे में गर्दन व जोडो़ं के दर्द से राहत मिलती है। साथ ही जिन लड़कियों को पीरियड्स में असहनीय दर्द होती है, उन्हें यह आसान करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा पाचन तंत्र बेहतर होता है। ऐसे में पेट से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
हलासन
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में भी हलासन काफी फायदेमंद है। पेट, जांघों व कमर के आसपास जमा एक्सट्रा चर्बी कम हो बॉडी को सही शेप मिलती है। शरीर में ऑक्सीजन व खून का संचार बेहतर तरीके से होता है। ऐसे में दिमाग शांत हो तनाव कम होने में मदद मिलती है।
बालासन
बच्चों की मुद्रा में बैठकर आसन करने को बालासन कहते हैं। इस आसन को करने से थकान व कमजोरी दूर होती है। रोजाना इस आसन को करने से डायबिटीज की समस्या दूर हो सकती है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव होता है। ऐसे में बॉडी पेन से राहत मिलती है। इसके साथ ही जिन लोगों को लोउर बैक पेन की समस्या होती है। उन्हें यह आसन जरूर करना चाहिए। कमर, पीठ व गर्दन दर्द दूर होने के साथ तनाव कम होने में मदद मिलती है।
प्राणायाम
रोजाना प्राणायाम करने से श्वसन क्रिया बेहतर तरीके से होती है। दिमाग शांत होने के साथ दिनभर शरीर में तरोताजा फील होता है। डायबिटीज व ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहने के साथ ब्लड सर्कुलेशन का प्रवाह बेहतर होता है।
वज्रासन
बैठने की मुद्रा में किए इस आसन को करने से पूरी बॉडी रिलैक्स होती है। यह डायबिटीज को कंट्रोल में रखने में मदद करता है। पाचन तंत्र मजबूत होने के साथ पेट से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलती है। मांसपेशियों में मजबूती मिलने के साथ दिमागी तौर पर सुकून मिलता है। ऐसे में जो लोग तनाव से गुजर रहे हैं। उन्हें यह आसन जरूर करना चाहिए।
सर्वांगासन
डायबिटीज के रोगियों को रोजाना सुबह सर्वांगासन करना चाहिए। इससे शुगर लेवल नियंत्रण में रहने के साथ शरीर में चुस्ती व फुर्ती आती है। खून साफ होने के साथ दिमाग व फेफड़े बेहतर तरीके से काम करते हैं। थायरॉइड ग्रंथि को सही ढंग से काम करने की शक्ति मिलती है। पाचन से जुड़ी परेशानियां दूर होने के साथ सांस प्रक्रिया अच्छी होती है। रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
धनुरासन
इस आसन में शरीर को धनुष के आकार में रखा जाता है। इस आसन से डायबिटीज कंट्रोल में रहने के साथ पीठ व रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। पाचन क्रिया मजबूत होने के साथ पीरियड पेन से राहत मिलती है। कमर दर्द की परेशानी दूर हो शरीर में जमा एक्सट्रा चर्बी कम होने में मदद मिलती है। थकान, कमजोरी व तनाव होने में मदद मिलती है।
इन बातों का भी रखें ध्यान...
- योगा हमेशा खुली व शांत जगह पर करें।
- इसे हमेशा खाली पेट करना चाहिए।
- योगा करने के लिए कपड़े ज्यादा ढीले और ही टाइट हो।
- शुरू- शुरू में कुछ सेकेंड तक योगा करें। बाद में इसे करने की समय- सीमा बढ़ाते रहे।
- खाने में भी ऑयली व जंक फूड से परहज रखें।
- हरी सब्जियों और ताजे फलों का सेवन करें।
- मखानों, सूरजमूखी के बीज, चिया सीड्स और सूखे मेवों को डाइट में शामिल करें।
- रोजाना सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीएं।
- इसके साथ ही समय-समय पर शुगर लेवल को चैक करने के साथ डॉक्टर की सलाह लेते रहे।