दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी पीवी सिंधु ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता ने फाइनल में कनाडा की मिशेल ली को सीधे गेम में हराकर राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन महिला एकल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। कॉमनवेल्थ में विमेंस सिंगल्स मुकाबलों में सिंधु का यह पहला गोल्ड है, इससे पहले 2018 में सायना नेहवाल ने भारत की झोली में डाला था गोल्ड।
विमंस सिंगल्स मुकाबलों में सिंधु का यह पहला गोल्ड
सिंधू ने दुनिया की 13वें नंबर की मिशेल को 21-15, 21-13 से हराकर 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में उनके खिलाफ हार का बदला भी चुकता कर दिया। मिशेल के खिलाफ 11 मैच में यह सिंधू की नौवीं जीत है। सिंधू का राष्ट्रमंडल खेलों में यह तीसरा व्यक्तिगत पदक है। उन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में भी रजत पदक जीता था। सिंधू मौजूदा खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारत की मिश्रित टीम का भी हिस्सा थी जिसे फाइनल में मलेशिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।
चोट के बावजूद सिंधू ने नहीं मानी हार
फाइनल में सिंधू के बाएं पैर में पट्टी बंधी थी जिससे कुछ हद तक उनकी मूवमेंट प्रभावित हुई और इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी दिखा। उन्होंने कुछ मौकों पर मिशेल को आसान अंक बनाने का मौका दिया। सिंधू ने रैली में बेहतर प्रदर्शन किया और उनके ड्रॉप शॉट भी दमदार थे। मिशेल ने काफी सहज गलतियां की जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। भारत का बर्मिंघम खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता का यह चौथा पदक है। इससे पहले मिश्रित टीम के रजत पदक के अलावा किदांबी श्रीकांत ने पुरुष एकल जबकि त्रीशा जॉली और गायत्री गोपचंद की जोड़ी ने महिला युगल में कांस्य पदक जीते।
मूव करने में सिंधू को हुई परेशानी
मिशेल ने पहले गेम में काफी सहज गलतियां की। उन्होंने कई शॉट बाहर मारे और नेट पर भी उलझाए। उनके क्रॉस कोर्ट और सीधे दोनों स्मैश हालांकि दमदार से जिससे सिंधू को परेशानी हुई क्योंकि वह तेजी से मूव नहीं कर पा रही थी। पहले गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच प्रत्येक अंक के लिए संघर्ष देखने को मिला। सिंधू ने लगातार तीन अंक के साथ 3-1 की बढ़त बनाई लेकिन मिशेल ने 3-3 पर स्कोर बराबर कर दिया। मिशेल ने 7-7 के स्कोर पर लगातार दो शॉट बाहर मारे जिससे सिंधू ने 9-7 की बढ़त बना ली।
मिशेल ने की कई गलतियां
दूसरे गेम में भी सिंधू ने बेहतर शुरुआत की। मिशेल की गलतियां कम होने का नाम नहीं ले रही थी। वह लगातार शॉट नेट पर और बाहर मार रही थीं जिसका फायदा उठाकर सिंधू ने 8-3 की बढ़त बना ली। मिशेल ने नेट पर शॉट उलझाया जिससे सिंधू ब्रेक तक 11-6 से आगे हो गईं। मिशेल इसके बाद वापसी करते हुए स्कोर 11-13 करने में सफल रहीं। कनाडा की खिलाड़ी ने इसके बाद लगातार दो शॉट नेट पर मारकर सिंधू को 15-11 की बढ़त बनाने का मौका दे दिया। सिंधू ने बढ़त को 19-13 किया। मिशेल के शॉट बाहर मारने से सिंधू को सात चैंपियनशिप अंक मिले जिसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने तेजतर्रार क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया।