हर महिला के लिए मां बनना एक सुखद एहसास है। इस दौरान महिला के शरीर में कई सारे बदलाव आते है। प्रेगनेंसी के कंफर्म होते ही महिला को न सिर्फ अपनी डाइट पर ध्यान देना जरूरी होता है बल्कि एक्सरसाइज करना भी बेहद जरूरी हो जाता है ताकि प्रेगनेंसी नॉर्मल रहे। लेकिन अक्सर महिलाओं के मन में प्रेगनेंसी के आखिरी माह में शरीर को लेबर के लिए तैयार करने के तरीकों के बारे में जानने का ख्याल जरूर आता है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे है तो परेशान न हो। क्योंकि कुछ योगासन ऐसे हैं जो नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस को काफी हद तक बढ़ा देते हैं इनमें से एक है बद्ध कोणासन। तो चलिए जानते है इसके बारे में।
बद्ध कोणासन के लाभ
वैसे तो कोई भी आसन करने से हम अपने शरीर को फिट रख सकते है। क्योंकि इसे करने से हमारा शरीर कई खतरनाक बीमारियों से बचा रहता है और शरीर में रक्त प्रवाह में भी सुधार करता है। वहीं बात करें बद्ध कोणासन की तो इसे करने से किडनी, प्रोस्टेट ग्लैंड, मूत्राशय, गर्भाशय और पेट के अंदरूनी अंग एक्टिव होते है। इतना ही नहीं साइटिका के दर्द में राहत देने के साथ साथ जांघों और कूल्हों की मांसपेशियों में लचीलापन लाता है। जिससे से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है। डिलीवरी के समय पेल्विस और इससे जुड़ी मांसपेशियों और लिगामेंट पर बहुत दबाव पड़ता है इसलिए बद्ध कोणासन इन हिस्सों को लचीला बनाता है। इससे डिलीवरी के बाद होने वाली समस्याओं को भी कम किया जा सकता है।
बद्ध कोणासन करने का तरीका
1 जमीन पर चटाई बिछाकर दंडासन की स्थिति में बैठे।
2 कोशिश करें दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर जमीन पर रखने की।
3 इस दौरान आपके दोनों पैरों के तलवे आपस में मिले हो।
4 हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे में फंसाकर पैरों के नीचे रखें।
5कमर आपकी एकदम सीधी होनी चाहिए और छाती बाहर की ओर।
6 इस अवस्था में थोड़ी देर रहकर पहले धीरे-धीरे गहरी सांस अंदर लें और फिर बाहर।
7 प्रेगनेंट महिलाएं बीच-बीच में पैरों को ऊपर डइाकर रिलैक्स कर सकती हैं।
8 फिर दोनों पैरों को ऊपर हवा में उठाएं और फिर नीचे रखें।
इस आसन में बरतें ये सावधानियां
1 एक बार में 3 मिनट से ज्यादा न करें बद्ध कोणासन।
2 घुटनों या पैरों में तेज दर्द होने पर इसे करने से बचें।
3 वजन ज्यादा है तो पहले एक पैर से प्रैक्टिस करें फिर दूसरे से।
4 अगर आप मां बनने वाली है तो इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
अस्वीकरण : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।