क्या आपको भी छोटी-छोटी बातों पर चिंता होने लगती है? क्या आप भी हर वक्त बैचेन महसूस करते हैं? क्या हर समय सिर में दर्द और भारीपन महसूस होता है? तो यह चिंता और स्ट्रेस के लक्षण हो सकते हैं। घबराइए नहीं यह कोई बीमारी नहीं है। बहुत से लोग चिंता और स्ट्रेस को दूर करने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं। इसका इलाज आर्युवेदिक नुस्खों से भी संभव है। अगर आपको भी समय-समय पर चिंता और स्ट्रेस रहती है तो आप इन तरीकों से इससे राहत पा सकते हैं।
पहले आप जान लें चिंता और स्ट्रेस के लक्षण
मतली या उलटी होना, सिर में दर्द महसूस होना। सांस की तकलीफ होना। पसीना आना, रक्तचाप बढ़ना, चक्कर आना, घबराहट महसूस होना। सुन्न महसूस करना। अगर आपको यह लक्षण दिखें तो हो सकता है कि आप स्ट्रेस और चिंता के शिकार हो।
इस तरह किया जाता है आयुर्वेद में इलाज
तो चलिए अब आपको बताते हैं कि आयुर्वेद में इसका इलाज कैसे किया जाता है।
1. आयुर्वेदिक थेरेपी
जब भी आपका कभी सिर दर्द होता है तो आप अपने सिर की गर्म तेल से मसाज करवा लेते हैं। इससे आपको काफी आराम मिलता है। है ना? बस आयुर्वेद में भी कुछ ऐसा ही किया जाता है। इसमें पहले व्यक्ति के दिमाग को शांत करने के लिए आयुर्वेदिक थेरेपी का जाती है। इसमें तेल लिया जाता है और उसे गर्म करके व्यक्ति के माथे पर डाला जाता है और इससे थेरेपी की जाती है। इससे व्यक्ति को काफी शांती मिलती है और इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। जिस तेल से थैरेपी की जाती है उसे जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।
2. योग करें
इस बात का खास ख्याल रखें कि सभी व्यक्ति एक सामान नहीं होते हैं इसलिए चिंता को दूर करने के लिए हर किसी की थैरेपी नहीं की जाती है। कुछ लोगों को योग करने की सलाह दी जाती है। जैसे कि ताड़ासन, मत्सयासन, शशांकासन, शवासन। इसे आपको रोजाना सुबह करना है जिससे आपका दिमाग शांत रहता है।
3. इन खास जड़ी बूटियों से भी मिलेगी राहत
जिस तरह आप अग्रेंजी दवाओं का सेवन करते हैं उसी प्रकार से कुछ आयुर्वेदिक औषधियां भी होती हैं जिनके इस्तेमाल से आप चिंता से छुटकारा पा सकते हैं।
. मुलेठी - मुलेठी तो भारतीय घरों में अकसर पाई जाती है। इसका इस्तेमाल आप न सिर्फ मसालों में बल्कि चिंता को दूर करने में भी कर सकते हैं। यह काफी फायदेमंद भी होती हैं। इसके लिए आप मुलेठी के काढ़े का सेवन करें।
. जटामांसी- जटामांसी का नाम भी आपने सुना होगा। यह भी बहुत कारगर है। इससे न सिर्फ आपकी चिंता दूर होती है बल्कि इसके साथ आपकी याददाश्त भी बढ़ती है। इससे मानसिक सुंतलन भी एक दम शांत रहता है।
. ब्राह्मी - ब्राह्मी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो चिंता को दूर करते हैं। इससे आपके दिमाग की ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होती है।
. गोटू कोला - अगर आपको लगातार चिंता रहती है या फिर आपका मन बैचेन रहता है तो आप गौटू कोला का इस्तेमाल करें। यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि जिसके उपयोग करने से आपकी बहुत सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
. मंडूकपर्णी- यह एक ऐसी जड़ी बूटी है जिससे आपकी बॉडी अंदर से डिटॉक्स हो जाती है। इसके सेवन से भी आप चिंता मुक्त जिंदगी पा सकते हैं। अगर आपको ऊपर लिखे लक्षण दिखाई दें तो आप डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन कर सकते हैं।
डाइट में इन चीजों को करें शामिल
योग और मेडिटेशन से ज्यादा जरूरी है आप अच्छी डाइट लें। अच्छी डाइट सिर्फ तन को ही नहीं मन को भी स्वस्थ रखती है। इसलिए आप मांस-मछली खाएं, दही खाएं, ग्रीन टी पीएं, एवोकैडो, सूखे मेवे, अंडे, स्ट्राबेरी, शकरगंद, पालक और हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें।