भिंडी सेहत के लिए लिहाज से बहुत ही फायदेमंद सब्जी है, जिसे भारतीय बड़े ही चाव से खाते हैं। हरी भिंडी लगभग हर घर में बनाई जाती है लेकिन क्या आपने कभी सफेद या लाल भिंडी देखी है या उसके बारे में सुना है। शायद ही कभी आपने लाल रंग की भिंडी देखी या सुनी हो। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि क्या है लाल भिंडी और सेहत के लिए कैसे फायदेमंद...
लाल भिंडी काशी लालिमा (Kashi Lalima)
शोध की मानें तो काशी लालिमा या लाल भिंडी के नाम से जानी जाने वाली ये सब्जी, हरे रंग के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होती है। लाल रंग की इस भिंडी को उत्तर प्रदेश स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) में वर्षों के शोध के बाद विकसित किया है। इसके लिए काम 1995-96 में शुरू हुआ था। सिर्फ लाल ही नहीं अमेज़न पर भी सफेद और पीली भिंडी के बीज भी मिलते हैं।
कैसे भिंडी हरी से लाल हो गई?
हरी भिंडी में क्लोरोफ़िल (Chlorophyll) होता है , जिसके कारण वो हरे रंग की होती है जबकि लाल भिंडी का रंग उसमें मौजूद एंथोस्यानिन (Anthocyanin) नामक तत्व के कारण होता है। ये एक नेचुरल Pigment है जो लाल, नीले, बैंगनी रंग के पौधों में मिलता है। बता दें कि इसमें म्यूसीलेज यानी चिपचिपापन भी हरी भिंडी के मुकाबले कम होता है।
चलिए अब आपको बताते हैं कि लाल भिंडी से सेहत को क्या-क्या फायदे मिलते हैं...
हरी भिंडी से ज्यादा पौष्टिक
जो चीज लाल भिंडी को सामान्य से अलग बनाती है, वो इसके एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम और आयरन जैसे गुण है, जो हरी भिंडी के मुकाबले कई ज्यादा होते हैं।
दिल के लिए फायदेमंद
यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो हृदय और रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर भी सही रहता है।
प्रेगनेंसी में फायदेमंद
इसमें विटामिन बी-9 होता है इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। इसमें फॉलेट नामक पोषक तत्व होता है, जो भ्रूण के मस्तिष्क विकास में अहम भूमिका निभाता है।
बेहतर पाचन क्रिया
इसमें सोडियन बिल्कुल नहीं होती और पोटैशियम भरपूर होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में फायदेमंद है। इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है इसलिए यह पेट के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
आंखों के लिए फायदेमंद
ये भिंडी ना सिर्फ आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद है बल्कि इससे मोतियाबिंद का खतरा भी कम होगा।
कोलन कैंसर से बचाव
शोध का मानें तो इससे कोलन (आंत) कैंसर की संभावना काफी कम हो जाती है और साथ ही इससे आंतें डिटॉक्स भी होती हैं।