नारी डेस्क: अहोई अष्टमी का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, दिवाली से आठ दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए व्रत करती हैं। इसके साथ ही, यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो यह शुभ फल भी देता है।
इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। आइए जानते हैं उन 5 उपायों के बारे में, जिन्हें करने से संतान का जीवन समृद्ध और सुखद हो सकता है।
चांदी की अहोई धारण करें
अहोई अष्टमी पर चांदी की अहोई पहनने की परंपरा है। चांदी को शुभ धातु माना जाता है और इसकी उपस्थिति से देवी की कृपा प्राप्त होती है। महिलाएं चांदी के मोतियों को धागे में पिरोकर अपने गले में धारण करती हैं। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
माता को दूध-भात का भोग लगाएं
इस दिन माता पार्वती को दूध-भात का भोग अर्पित करना चाहिए। यह परंपरा संतान की समृद्धि और दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण है। भोग लगाने के बाद माता के चरणों में लाल पुष्प अर्पित करें और इसे संतान के मस्तक पर लगाएं। ध्यान रखें कि पुष्प को फेंकना नहीं है, अन्यथा माता नाराज हो सकती हैं।
मंत्र का जप करें
अहोई अष्टमी के दिन 'ॐ ह्रीं उमाये नमः' मंत्र का जप करने से माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। यह शक्तिशाली मंत्र संतानहीन महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति में मदद करता है। इसके अलावा, यह घर में सुख-समृद्धि को भी बनाए रखता है।
राधा कुंड में स्नान करें
इस दिन राधा कुंड में स्नान करना विशेष लाभकारी माना जाता है। यह उन महिलाओं के लिए खास है, जो संतान सुख से वंचित हैं। अहोई अष्टमी की रात राधा कुंड में स्नान करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में खुशहाली आती है।
काले वस्त्र पहनने से बचें
अहोई अष्टमी के दिन भूलकर भी काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। काले रंग को हिन्दू धर्म में अशुभ माना जाता है। इस दिन काले वस्त्र पहनने से माता नाराज हो सकती हैं और परिवार में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अहोई अष्टमी के दिन उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप अपनी किस्मत को चमका सकते हैं। इन उपायों से न केवल संतान की आयु बढ़ती है, बल्कि परिवार में खुशहाली और समृद्धि भी आती है। यह पर्व आपके और आपके परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।