नारी डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुआ भयानक प्लेन हादसा अब तक की सबसे दुखद घटनाओं में से एक बन गया है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेक-ऑफ के कुछ समय बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में हालात बेहद अराजक और दर्दनाक बन गए हैं।
क्या हुआ था हादसे में?
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में 242 यात्री सवार थे, जिनमें पायलट और क्रू मेंबर्स भी शामिल थे। फ्लाइट ने मुंबई से सुबह उड़ान भरी थी, जो अहमदाबाद होते हुए लंदन जा रही थी। टेकऑफ के थोड़ी देर बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
सिविल अस्पताल बना शोक का केंद्र
हादसे के बाद अहमदाबाद का सिविल अस्पताल पूरी तरह से शोक में डूब गया है। घायलों और मृतकों को इसी अस्पताल में लाया गया। 265 शवों को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया। एम्बुलेंस की कमी की वजह से कई शवों को ठेलों (हाथगाड़ियों) पर लाया गया। अस्पताल के बाहर मातम का माहौल, हर तरफ चीत्कार और बेबसी नजर आई।
परिजन अस्पताल में चक्कर काटते रहे
मृतकों और घायलों के परिजन अपने अपनों को ढूंढने के लिए अस्पताल के बाहर भागते-भटकते नजर आए। कोई नाम पूछ रहा था, कोई फोन दिखा रहा था, कोई तस्वीरों से पहचानने की कोशिश कर रहा था। रोते-बिलखते लोग हर कोने में दिखे।
DNA टेस्ट से की जा रही पहचान
शवों की स्थिति बेहद खराब होने के कारण अब DNA सैंपल के ज़रिए पहचान की जा रही है। बड़े पैमाने पर डॉक्टरों की टीम रातभर जुटी रही और मेडिकल स्टाफ बिना रुके काम करता रहा।
अस्पताल के बाहर भारी पुलिस बल
अहमदाबाद पुलिस ने सिविल अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और लोगों को सही जानकारी दी जा सके।
PM मोदी पहुंचे घटनास्थल पर
इस हादसे में कई ऐसे यात्री शामिल थे जो MBBS की पढ़ाई के लिए या किसी कॉन्फ्रेंस के सिलसिले में यात्रा कर रहे थे। कई छात्रों की भी जान गई है, जो हॉस्टल में रहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद क्रैश साइट पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया।
यह हादसा न सिर्फ तकनीकी विफलता का मामला है, बल्कि सैकड़ों परिवारों की जिंदगी में अंधेरा बनकर आया है। अहमदाबाद का सिविल अस्पताल आज सिर्फ एक अस्पताल नहीं, बल्कि हजारों टूटे सपनों और बिखरे परिवारों का प्रतीक बन गया है।