पिछले कुछ सालों से लोगों का कीटो डाइट पर बहुत ज्यादा भरोसा बढ़ गया है। माना जाता है कि यह न सिर्फ वजन घटाने में मदद करती है बल्कि शरीर को भी फुर्तीला बनाती है। कीटो डाइट में में मुख्य रूप से कार्ब्स का सेवन बिल्कुल कम करना होता है और प्रोटीन और फैट से भरपूर फूड्स को डाइट में अधिक शामिल करना होता है।
क्या मानते हैं एक्सपर्ट
कीटो डाइट को कीटोजेनिक या लो-कार्ब डाइट भी कहा जाता है। डाइट में कार्ब्स कम और फैट अधिक होने से शरीर कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा प्राप्त करने की बजाय फैट से ऊर्जा लेने लगती है। एक्सपर्ट के अनुसार कीटो डाइट में मांस-मछली और लो कार्ब सब्जियों को शामिल किया जाता है। सी फूड, चिकन, मीट, मछली, अंडा, केल, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, शिमला मिर्च, टमाटर जैसी चीजें खाने की सलाह दी जाती है।
किटो डाइट को इस तरह करें फॉलो
High Fat वाले खाद्य पदार्थों का सेवन
- एवोकाडो, नारियल का तेल, घी, मक्खन, जैतून का तेल।
- नट्स और सीड्स जैसे बादाम, अखरोट, चिया सीड्स।
- फैटी फिश जैसे सैल्मन, ट्यूना।
मध्यम प्रोटीन का सेवन
- चिकन, टर्की, मटन, अंडे।
- पनीर, फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स।
निम्न कार्बोहाइड्रेट का सेवन
- पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल, ब्रोकली।
- नॉन-स्टार्ची सब्जियां जैसे ज़ुकीनी, बेल पेपर्स।
चीनी और स्टार्च से परहेज
- मिठाइयां, बेकरी उत्पाद, पास्ता, रोटी, चावल आदि को पूरी तरह से त्याग देना चाहिए।
किटो डाइट के फायदे
वजन कम करने में मदद
कीटो डाइट वजन कम करने में मदद करता है। भूख के लेवल को कम करके और मोटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने का काम करती है।
ब्लड शुगर नियंत्रण
कार्बोहाइड्रेट की कमी के कारण, ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
मानसिक स्पष्टता
केटोन्स मस्तिष्क के लिए बेहतर ऊर्जा स्रोत होते हैं, जिससे मानसिक स्पष्टता और ध्यान में सुधार होता है।
किटो डाइट के साथ सावधानियां
- शुरुआत में कुछ लोगों को "किटो फ्लू" का अनुभव हो सकता है, जिसमें सिरदर्द, थकान, और चिड़चिड़ापन शामिल होते हैं।
-किटो डाइट को लंबे समय तक फॉलो करने से न्यूट्रिएंट्स की कमी, हृदय संबंधी समस्याएं, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
-इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह लेना आवश्यक है, खासकर अगर किसी को स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
-किटो डाइट उन लोगों के लिए प्रभावी हो सकती है जो वजन कम करना चाहते हैं या ब्लड शुगर को नियंत्रित करना चाहते हैं, लेकिन इसे सही तरीके से और पेशेवर मार्गदर्शन के साथ अपनाना चाहिए।