नारी डेस्क: खाटू श्याम बाबा को महाभारत के बर्बरीक के रूप में जाना जाता है। बर्बरीक, भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे। उन्होंने अपनी माता को वचन दिया था कि वे युद्ध में हार रहे पक्ष का साथ देंगे। जब महाभारत का युद्ध आरंभ होने वाला था तब भगवान श्रीकृष्ण को यह ज्ञात हुआ कि बर्बरीक की शक्ति इतनी ज्यादा है कि वे जिस भी पक्ष का साथ देंगे वही युद्ध जीत जाएगा। श्रीकृष्ण जानते थे कि अगर बर्बरीक कौरवों का साथ देंगे तो पांडव हार जाएंगे। इसलिए श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण का वेश धारण कर बर्बरीक से उनका शीश (सिर) दान में मांगा। बर्बरीक ने बिना किसी संकोच के अपना सिर दान कर दिया। उनकी इस भक्ति, वचनबद्धता और समर्पण को देखकर श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे श्याम नाम से पूजे जाएंगे। यही कारण है कि आज बर्बरीक को ‘खाटू श्याम बाबा’ के नाम से जाना जाता है।
श्याम कुंड में स्नान का विशेष महत्व
खाटू श्याम मंदिर के पास स्थित श्याम कुंड एक पवित्र जल कुंड है। धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त इस कुंड में स्नान करता है, उसके सभी शारीरिक रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं। विशेषकर फाल्गुन मास में लगने वाले मेले के दौरान इस कुंड में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। भक्त इस स्नान को पवित्र और रोगनाशक मानते हैं।

खाटू श्याम बाबा की 5 विशेष आरतियां
खाटू श्याम मंदिर में दिनभर में पांच खास आरतियां होती हैं। अगर आप दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो कोशिश करें कि कम से कम किसी एक आरती में शामिल हो सकें।
मंगला आरती: यह आरती सुबह मंदिर खुलते ही की जाती है। यह दिन की पहली आरती होती है।
श्रृंगार आरती: इस आरती के दौरान बाबा का श्रृंगार किया जाता है और उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाए जाते हैं।
भोग आरती: दोपहर में बाबा को भोग लगाया जाता है और उसके बाद भोग आरती की जाती है।
संध्या आरती: सूर्यास्त से कुछ समय पहले संध्या आरती होती है, जो एक आध्यात्मिक वातावरण बनाती है।
शयन आरती: यह अंतिम आरती रात में होती है, इसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं।
मंदिर के खुलने और बंद होने का समय
सर्दियों में मंदिर का समय: सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक, शाम 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक

गर्मियों में मंदिर का समय: सुबह 4:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक, शाम 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक। मंदिर साल भर खुला रहता है और किसी भी दिन बाबा के दर्शन किए जा सकते हैं।
खाटू श्याम मंदिर कैसे पहुंचें?
खाटू श्याम मंदिर तक पहुंचना काफी आसान है क्योंकि यह सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है रींगस जंक्शन, जो मंदिर से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर है। रींगस से मंदिर तक आप टैक्सी, ऑटो या बस ले सकते हैं।
सड़क मार्ग: दिल्ली, जयपुर और एनसीआर से खाटू श्याम के लिए सीधी बसें और कैब मिल जाती हैं। राजस्थान के अन्य शहरों से भी सड़क मार्ग से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
हवाई मार्ग: अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं, तो सबसे पास का एयरपोर्ट जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जयपुर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। वहां से टैक्सी या बस द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
जब भी आप खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए जाएं तो शांत चित्त होकर, श्रद्धा और प्रेम से बाबा का स्मरण करें। मंदिर में नियम और अनुशासन का पालन करें और कोशिश करें कि आरतियों और श्याम कुंड स्नान का अनुभव अवश्य लें।