भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने जहां चारों तरफ हाहाकार मचाई हुई है, वहीं इस बीच उत्तर प्रदेश से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 102 साल की एक बुजुर्ग दादी ने घर पर ही रहकर कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को मात दी।
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली 102 साल की शिवकन्या देवी ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और आत्मसंयम की बदौलत घर में ही आइसोलेट रहकर कोरोना को हरा दिया। दादी का इलाज़ करने वाले डॉक्टर प्रसून पांडेय ने बताया कि घर में दादी समेत 12 लोग एक साथ कोरोना पॉजिटिव आए थे, लेकिन धैर्य , संयम और सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक चलकर इस परिवार ने कोरोना को मात दी।
इन आयुर्वेद का सहारा लेकर जीती कोरोना से जंग
डॉक्टर ने बताया कि आयुर्वेद में जितनी भी चीज़ें हैं जैसे कि काढ़ा, स्टीम, एक्सरसाईज़ आदि सभी विकल्पों का सहारा लेकर परिवार वालों का इलाज किया। लेकिन सबसे ज़्यादा चिंता दादी की थी जो 102 साल की हैं, वहीं परिवार में एक ताऊ जी की उम्र 70 साल के और चाचा जी 65 साल के हैं, हर दो घंटे में सभी का ऑक्सीजन चेक करना एक चैलेंज था।
चार साल बिस्तर में रहने के बावजूद दादी ने नहीं मारी हार
डाॅक्टर ने बताया कि दादी के पैर की हड्डी भी फ़्रैक्चर है, पिछले चार साल से वह ज़्यादातर बिस्तर में ही रहती हैं इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी बल्कि अपनी मजबूत शक्ति और धैर्य का सहारा लेकर उन्होंने इस महामारी को हराया।
दादी ने लोगों को दिया यह संदेश
कोरोना को हराने वाली 102 साल की शिवकन्या देवी ने लोगों को समझाते हुए कहा हैं कि डॉक्टरों की बात मानों, मास्क जरूर पहनों , भगवान सबकुछ ठीक कर देगा।