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ज्यादा खतरनाक नहीं है XE वेरिएंट ! Expert बोले- इससे डरने की जरूरत नहीं

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Apr, 2022 01:25 PM
ज्यादा खतरनाक नहीं है XE वेरिएंट ! Expert बोले- इससे डरने की जरूरत नहीं

कोरोनावायरस के नए वेरिएंट XE को लेकर भारत में सस्पेंस बना हुआ है। बीएमसी ने जहां  एक्सई स्वरूप ओमीक्रोन के उप स्वरूप बीए.2 से 10 गुणा अधिक संक्रामक बताया है तो वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि यह ज्यादा खतरनाक नहीं है। हालाकि  यह वेरिएंट थोड़ा तेजी से फैलता है, लेकिन यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि  XE पिछले वेरिएंट्स से ज्यादा तेजी से फैलने वाला हो सकता है।


 वैक्सीनेटेड लोगों ना हो परेशान: Experts

 शीर्ष वायरोलॉजिस्ट और वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉक्टर गगनदीप कांग की मानें तो  अब तक कोविड-19 के एक्सई वेरिएंट के बारे में जो जानते हैं, उससे ऐसा नहीं लगता कि चिंता का कोई कारण है। उन्होंने कहा- हम BA.2 के बारे में चिंतित थे, लेकिन यह BA.1 से अधिक गंभीर नहीं निकला। XE से डरे लाेगाें को गगनदीप कांग ने राहत देते हुए कहा- भारत में वैक्सीनेटेड लोगों को इस वैरिएंट से बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है।


मुंबई में आया XE का पहला मामला


बता दें कि कोविड-19 के नए स्वरूप एक्सई का पहला मामला मुंबई में सामने आया है।  रोग से उबर चुकी दक्षिण अफ्रीका निवासी महिला रोगी का डेटा आगे की पुष्टि के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीजीएम) भेजा गया। मामले की पुष्टी होने के बाद बीएमसी के अधिकारी ने कहा थ कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक्सई स्वरूप ओमीक्रोन के उप स्वरूप बीए.2 से 10 गुणा अधिक संक्रामक है। अब तक कोविड-19 के सभी स्वरूपों में बीए.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जाता रहा है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी थी चेतावनी

ओमीक्रोन के स्वरूप, बीए.1 और बीए.2 में बदलाव से यह एक्सई स्वरूप बना है। प्रारंभिक अध्ययन के मुताबिक बीए.2 के मुकाबले एक्सई की वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत है। जांच के दौरान इसकी पहचान भी मुश्किल होती है इसलिए इसे ‘स्टील्थ वेरियंट’ कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा था कि बदलाव के बाद बना यह स्वरूप पूर्व के स्वरूपों की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है। इसके अलावा जीनोम अनुक्रमण के लिए सरकार द्वारा गठित समूह ‘इंसाकॉग’ उस मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है जिसके बारे में बीएमसी के अधिकारियों ने कहा है कि एक महिला एक्सई स्वरूप से संक्रमित हुई थी। हालांकि, वैज्ञानिक अध्ययन में अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं।


XE को लेकर बना हुआ है सस्पेंस

आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि मौजूदा सबूत से ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि यह एक्सई स्वरूप का मामला है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा-इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (इंसाकॉग) के विशेषज्ञों ने नमूने की ‘फास्टक्यू फाइल’ का विश्लेषण किया है और अनुमान लगाया है कि मुंबई की महिला को संक्रमित करने वाले वायरस की जीनोमिक संरचना एक्सई स्वरूप की जीनोमिक संरचना के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा-  मुंबई में एक्सई से संक्रमण की पुष्टि के बाद इंसाकॉग मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है।’’

 

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