भारतीय महिलाएं बचत करना बखूबी जानती हैं। पहले महिलाएं सिर्फ सोना- चांदी खरीदने और सहेजने में ज्यादा दिलचस्पी रखती थी, लेकिन अब जमाने के साथ- साथ सोच भी बदलती दिखाई दे रही हैं। हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में शामिल लगभग 62% महिलाओं ने सूचीबद्ध इक्विटी में निवेश करने को प्राथमिकता दी, जो सोने (54.3%) और रियल एस्टेट (41%) की तुलना में अधिक पसंदीदा है।
ये था अध्ययन का उद्देश्य
हेरिटेज बाय वॉटरफील्ड एडवाइजर्स द्वारा किया गया यह अध्ययन शहरों में रहने वाली 104 भारतीय महिलाओं के बीच किया किया। इस अध्ययन में 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाली महिलाओं के बीच निवेश विकल्पों और धन प्रबंधन के रुझान पर गौर किया गया। विभिन्न व्यवसायों के सर्वेक्षण में भाग लेने वालों की आयु 22 से 60 वर्ष के बीच थी, जिनमें, उद्यमी, स्व-रोज़गार पेशेवर और गृहिणी शामिल थी। अध्ययन का उद्देश्य यह पहचानना था कि महिलाओं का यह आर्थिक रूप से मजबूत समूह अपनी संपत्ति का निवेश कैसे कर रहा है।
पैसा सुरक्षित रखना चाहती हैं महिलाएं
सर्वेक्षण में शामिल लगभग 47% महिलाओं को परिवार के निवेश निर्णयों में दृढ़ता से शामिल बताया गया है, लेकिन 42% गृहिणियां बिल्कुल भी शामिल नहीं हैं। वहीं पिछले कुछ समय से महिलाओं के बीच म्यूचुअल फंड्स लेने, घर खरीदने या शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने में इंटरेस्ट घटा है। क्योंकि अब महिलाएं अपनी कमाई को सुरक्षित रखना चाहती हैं और दूसरा वो इस पर अच्छा-खासा गारंटीयुक्त रिटर्न भी चाहती हैं। यही कारण है कि इक्विटी निवेश की ओर ज्यादा प्रभावित हो रही हैं।
क्या है इक्विटी में निवेश
इक्विटी में निवेश उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करता है, जिससे आप समय के साथ अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं। कंपनियों में आंशिक मालिक बनकर आप पूंजी वृद्धि और लाभांश के माध्यम से कंपनी की सफलता से लाभ उठा सकते हैं। इक्विटी, एक जोखिम भरा निवेश होने के नाते बचत खाते या सावधि जमा की तुलना में अधिक रिटर्न देता है क्योंकि जो लाभ कमाया जा सकता है वह लगभग असीमित होता है।