धनतेरस या धनत्रयोदशी दिवाली से पहले कार्तिक मास की त्रयोदशी पर मनाई जाती है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिस पर लोग आमतौर पर आभूषण, बर्तन और कई चीजें खरीदते हैं। इसके अलावा धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने की भी परंपरा है। मगर, क्या आप जानते हैं कि इस शुभ दिन पर सोना-चांदी खरीदना क्यों अच्छा माना जाता है।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
अगर आप भी इस दिन सोना-चांदी खरीदना चाहते हैं तो द्रिक पंचांग कहता है कि धनतेरस का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को सुबह 11.31 बजे से 3 नवंबर को सुबह 06.35 बजे के बीच है। ड्रिक पंचांग के अनुसार, आप 3 नवंबर को सुबह 06.35 बजे से 09.02 बजे के बीच शुभ खरीदारी समय के साथ सोना खरीद सकते हैं।
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना क्यों शुभ?
ऐसा माना जाता है कि सोना-चांदी भगवान धन्वंतरी और कुबेर की धातु है इसलिए इसे खरीदकर घर रखने से आरोग्य, सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। मान्यता है कि यह व्यक्ति को समृद्ध बना सकता है। किंवदंतियों के अनुसार, धनत्रयोदशी पांच दिवसीय लंबे दिवाली उत्सव का पहले दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान सोने से भरा कलश लेकर निकली थीं इसलिए इस दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन धन के देवता कुबेर के साथ उनकी पूजा भी की जाती है।
क्यों खरीदे जाते हैं बर्तन?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि देवी लक्ष्मी की तरह ही समुद्र मंथन से हाथ में अमृत कलश लिए प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है।
वैद्य भगवान धन्वंतरी और कुबेर की पूजा
इस दिन आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरी के साथ धन के देवता कुबेर की विधि-विधान पूजा की जाती है। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का रुप भी माना जाता है। उन्हें पीतल की धातु प्रिय हैं इसलिए धनतेरस पर लोग पीतल के बर्तन आदि खरीदते हैं। साथ ही लोग शुभता के लिए सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन आदि की खरीदारी भी करते है।
ये चीजें खरीदना भी शुभ
दिवाली के दिन पूजा की जाने वाली देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों की भी इस दिन खरीदारी की जाती है। पहले के दिनों में, लोग ज्यादातर केवल बर्तन ही खरीदते थे और थाली या चम्मच जैसी साधारण चीज को भी उतना ही शुभ माना जाता था। आजकल, लोग सोने के साथ देवी लक्ष्मी के उद्भव का प्रतीकात्मक संदर्भ देने के लिए सोने के आभूषणों के रूप में खरीदारी करते हैं।