भोजन पकाने में तेल अहम भूमिका निभाता है। खासकर भारतीय पकवान तेल के बिना स्वादिष्ट ही नहीं लगते। भारतीय रसोई में भोजन पकाने के लिए सरसों, तिल, सूरजमुखी, जैतून तेल का खूब इस्तेमाल किया जाता है लेकिन बात सेहत की हो तो लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि ये सेहत के लिए सही भी है या नहीं। जानकारी के अभाव में कुछ लोग अनहेल्दी कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करने लगते हैं। तेल चाहे कोई भी हो देखने वाली बात ये है कि तेल रिफाइंड प्रोसेस से निकाले जा रहे हैं या कच्ची घानी (कोल्ड प्रेस्ड) प्रक्रिया से।
क्या होता है कच्ची घानी तेल?
दरअसल, सेहत के लिए लिहाज से कच्ची घानी तेल सबसे बढ़िया माना जाता है क्योंकि इसमें तेल निकालने के लिए किसी प्रिजर्वेटिव या कैमिकल यूज नहीं किए जाते। इसमें मशीनों द्वारा प्राकृतिक तरीके से तेल निकाला जाता है, जिससे खाने की शुद्धता बरकरार रहती है। कच्ची घानी तेल को कम आंच में पीसा जाता है, जिससे उसके गुण बरकरार रहते हैं। डायटीशियन भी सेहत के लिए कच्ची घानी तेल इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें हैल्दी फैट्स होते हैं, जो नुकसान नहीं पहुंचाते।
सेहत के लिए क्यों फायदेमंद?
इसे दूसरे तेलों की तरह गर्मी के लिए ज्यादा तापमान में नहीं रखा जाता। वहीं, तेल निकालते समय अशुद्ध या गूदे से खराब तत्वों को बाहर निकाल दिया जाता है। चूंकि तेल रिफाइंड नहीं होता इसलिए इसके पोषक तत्व भी ऐसे ही बरकरार रहते हैं। इसमें मिनरल्स, विटामिन्स, पॉलीअनसैचुरेटेड फैट, ओमेगा-3 फैटी एसिडभी भरपूर मात्रा में होता है। आयुर्वेद भी कच्ची घानी तेल को कुकिंग के लिए सही मानता है।
भोजन पकाने के लिए रिफाइंड तेल क्यों हानिकारक
दरअसल, रिफाइंड तेल को प्रोसेस करने के लिए कई प्रकार के ब्लीच और केमिकल इस्तेमाल होते हैं। इससे तेल में मौजूद न्यूट्रिशन, स्वाद, रंग और खुशबू चली जाती है। देखने में भला ही यह अच्छा लगे लेकिन के लिए यह बिल्कुल हानिकारक है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप कुकिंग के लिए कच्ची घानी तेल ही यूज करें।
कोल्ड प्रेस्ड ऑयल से मिलने वाले फायदे:
यह तेल प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रोल और फैट फ्री होता है। इसमें कोई रसायन ल प्रिजरवेटिव नहीं होते। वहीं, इसमें तेल का असली स्वाद होता है और इसलिए इसमें बना भोजन ज्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।
. दिल को रखे स्वस्थ
कच्ची घानी तेल कोलेस्ट्रोल लेवल को नियंत्रित करता है। वहीं, इसमें मौजूद अल्फा लिनोलेनिक एसिड खून में इकट्ठी हुई प्लेटलेट्स को कम करता है। इससे ना सिर्फ हार्ट अटैक का खतरा कम होता है बल्कि आप कई बीमारियों से भी बचे रहते हैं।
. इन्फ्लेमेशन के लिए अच्छा
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर कच्ची घानी तेल शरीर को इन्फ्लेमेशन से लड़ने की ताकत देता है। इन्फ्लेमेशन वह स्थिति है, जिसके कारण शरीर में सूजन आ जाती है।
. त्रिदोष दूर करने में मददगार
शोध के अनुसार, शरीर के तीन मुख्य दोष वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में भी कच्ची घानी तेल बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह तेल त्वचा के लिए भी पूरी तरह हेल्दी, शुद्धता होता है। इसमें गुड़ बैक्टीरिया होते हैं इसलिए इससे शरीर पर मालिश करने से त्रिदोष का नाश होता है। खासकर वात की समस्याओं में यह बहुत फायदेमंद माना जाता है।
. ब्लड शुगर कंट्रोल
रासायनिक तेलों से डायबिटीज मरीजों में शुगर लेवल बढ़ जाता है लेकिन कच्ची घानी तेल आपके लिए सही रहेगा। यह रक्त शर्करा और खराब कोलेस्ट्रोल को कम करता है, जो आपके लिए फायदेमंद है।
. इम्यूनिटी बढ़ाए
एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेशन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई से भरपूर यह तेल इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। इससे शरीर को कई विकारों से लड़ने में मदद मिलती है।
. वजन घटाए
वजन घटाने के लिए अक्सर लोग तेल का सेवन बंद कर देते हैं लेकिन कच्ची घानी वेट लूज में भी बेहतरीन माना गया है। कच्ची घानी के पोषक तत्व लीवर में जाकर फैट की मात्रा घटाते हैं। वहीं, इसकी लैक्सेटिव प्रॉपर्टीज भोजन पचाने में मदद करती हैं। ऐसे में वजन घटाने के लिए आप बेफ्रिक होकर इसका सेवन कर सकते हैं।
यह तो साफ है कि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल ही सेहत के लिए बेहतर है लेकिन सवाल डीप फ्राई चीजों को बनाने है तो बता दें कि ज्यादा गर्म करने पर तेल के अनसैचुरेटेड फैट (जल्दी गलने वाले फैट) के हिस्से हो जाते हैं। ऐसे में यह तेल सेहत के लिए हानिकारक हो जाता है इसलिए सही तापमान पर ही खाना पकाएं।