अर्थराइटिस एक रोग है जिसके कारण हड्डियों के जोड़ में असहनीय दर्द सहना पड़ता है। कई बार तो इसका कारण जोड़ों में सूजन भी आ जाती है और हिलने-डुलने, चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। हालांकि दवा के जरिए दर्द व सूजन से आराम पाया जा सकता है लेकिन इसे कंट्रोल करने के लिए सही डाइट का लेना भी बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आप दवा खाएंगे और खान-पान पर काबू नहीं रखेंगे तो यह प्रॉब्लम सही होने की बजाए बढ़ जाएगी।
सबसे पहले जानिए क्या है अर्थराइटिस?
अर्थराइटिस एक ऐसी मेडिकल टर्म है, जिसमें एक या एक से अधिक शारीरिक जोड़ में दर्द, सूजन, अकड़न हो जाती है, जो आमतौर पर उम्र के साथ बिगड़ते जाते हैं। अगर समस्या बढ़ जाए तो जोड़ों का पूरी तरह ना मुड़ पाना भी मुश्किल हो जाता है। कुछ प्रकार के गठिया तो हृदय, आंख, फेफड़े, गुर्दे के साथ-साथ त्वचा को भी प्रभावित करते हैं।
कितनी तरह के होते हैं अर्थराइटिस
. अपक्षयी गठिया (Degenerative Arthritis)
. सूजन संबंधी गठिया (Inflammatory Arthritis)
. संक्रामक गठिया (Infectious Arthritis)
. मेटाबोलिक गठिया (Metabolic Arthritis)
चलिए अब आपको बतते हैं कि अर्थराइटिस मरीजों को कैसे डाइट लेनी चाहिए ताकि बीमारी पर कंट्रोल रहे...
नट्स और सीड्स
अखरोट, बादाम, अलसी, चिया सीड्स, पाइन नट्स, हेज़लनट्स, मूंगफली, पेकान, पिस्ता में फाइबर, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन ई और ओमेगा -3 वसा के अलावा सूजन-रोधी गुण भी होते हैं। मगर, दिनभर में 1 मुट्ठी से ज्यादा ना खाएं क्योंकि इनकी तासीर गर्म होती है।
बेरीज
ब्लूबेरी, रसभरी, जामुन, चेरीज, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी में एंथोसायनिन कंपाउंड होता है जो एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट हैं। शोध की बात मानी जाए तो यह अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मददगार है।
पत्तेदार सब्जियां
पालक, केल, ब्रोकली, कोलार्ड साग, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, केल, स्विस चार्ड और बोक चोय विटामिन ई और सी के बेहतरीन स्रोत हैं, जो शरीर को प्रो-इंफ्लेमेटरी अणुओं से बचाने का काम करता है। इससे शरीर में कोलेजन का उत्पादन भी होती है जिससे जोड़ों में लचीलापन आता है।
जैतून का तेल
ऑलिव ऑयल में स्वस्थ वसा के साथ ओलियोकैंथल होता है, जो हड्डियों को नुकसान से बचाता है। आप चाहे तो इससे जोड़ों की मसाज भी कर सकते हैं।
हल्दी
इनमें करक्यूमिन नाम यौगिक होता है जो सूजन और दर्द को रोकने के लिए बेहतर पेनकिलर की तरह काम करता है। इसके लिए आप हल्दी वाला दूध या ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं।
लहसुन और प्याज
इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी रसायन होते हैं जो गठिया के दर्द से राहत देते हैं। ऐसे में भोजन बनाने के लिए इन 2 मसालों का इस्तेमाल जरूर करें।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) नामक नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो जोड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है। दिन में कम से कम 2 कप ग्रीन टी जरूर पीएं।
डेयरी फूड्स
दूध, दही और पनीर कैल्शियम और विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत हैं, जो हड्डियों को मजबूत रखता है और उनमें लचीलापन बढ़ाता है। डेयरी में प्रोटीन भी होते हैं जो मांसपेशियों के निर्माण में मदद कर सकते हैं।
इन चीजों से रखें परहेज
एडेड शुगर, प्रोस्सेड फूड्स, रैड मीट, ग्लूटेन युक्त आहार, ज्यादा नमक, कैन्ड सूप, पिज्ज, वेजिटेबल ऑयल, ठंडी चीजें, जंक फूड्स से परहेज रखें। इसके अलावा हाई प्रोटीन युक्त आहार भी ना लें क्योंकि इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।