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चीन में नए वायरस की दहशत, Monkey B वायरस से एक डॉक्टर की मौत

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 21 Jul, 2021 01:14 PM
चीन में नए वायरस की दहशत, Monkey B वायरस से एक डॉक्टर की मौत

कोरोना वायरस के बाद चीन में एक नए वायरस ने दस्तक दी है। दरअसल, चीन में मंकी बी (Monkey B) वायरस से एक डॉक्टर की मौत का मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक, डॉक्‍टर मार्च महीने में 2 मरे हुए बंदरों से इस वायरस की चपेट में आए थे। बंदरों से फैलने वाले इस वायरस ने चीन व लोगों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या यह कोरोना से ज्यादा खतरनाक है।

क्‍या है मंकी बी वायरस?

सीडीसी के मुताबिक, मृत बंदरों के शरीर से एक पानी निकलता है, जिसके संपर्क में आने से यह वायरस हो सकता है।। इसका सबसे पहला मामला सन् 1932 में सामने आया था। इंसानी शरीर में प्रवेश करने के बाद यह वायरस नर्वस सिस्‍टम पर अटैक करता है, जिसके 3 हफ्ते बाद लक्षण दिखना शुरू होते हैं।

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क्या कोरोना से ज्‍यादा खतरनाक Monkey B वायरस?

एक्सपर्ट के मुताबिक, कोरोना संक्रमित 1000 लोगों में से केवल 9 लोगों में मौत का खतरा रहता है जबकि मंकी बीवी वायरस से मरने वाले लोगों की दर 70-80% है। अब तक इसके 60 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 70 से 80% मामलों में मौत हो गई।

कैसे फैलता है यह वायरस?

-संक्रमित बंदर की लार, मल-मूत्र से 
-मैकाक बंदरों के काटने या खरोंच से
-स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित इंजेक्शन लगाने पर
-वायरस वस्तुओं की सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है, जिसे छूने से भी आप इसकी चपेट में आ सकते हैं।

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मंकी बी वायरस के लक्षण

मंकी बी वायरस के लक्षण काफी हद तक फ्लू जैसे होते हैं जैसे -

. बुखार और ठंड लगना
. मांसपेशियों में दर्द
. अधिक थकान महसूस होना
. तेज सिरदर्द
. घाव या छोटे-छोटे छाले
. सांस की तकलीफ
. मतली और उल्टी
. पेट में दर्द
. लगातार हिचकी आना

वहीं, जैसे-जैसे वायरस फैलता है तो मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी की सूजन और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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मंकी बी वायरस से बचाव के उपाय

फिलहाल मंकी बीवी वायरस का इलाज करने के लिए कोई टीका मौजूद नहीं है इसलिए लक्षणों को कम करने के लिएं डॉक्टर एंटीवायरल दवाएं देते हैं। इसके साथ ही आप कुछ सावधानियां बरतकर इस वायरस से बच सकते हैं।

1. बंदर ने काटने पर घाव लग जाए तो तुंरत डॉक्टर के पास जाएं।
2. घाव को साबुन या डिटर्जेंट से 15 मिनट तक धोएं और धीरे-धीरे साफ करें।
3. घाव धोने के बाद उस हिस्से को 15-20 मिनट पानी में रखें और तुरंत ट्रीटमेंट लें।
4. बंदरों के संपर्क में आने से बचे, खासकर जिनकी मौत हो चुकी हो।

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