इन दिनों भारतीय पहलवान कुछ नाराज चल रहे हैं। जहां कुछ दिन पहले रेसलर बजरंग पूनिया ने पदक लौटाने का ऐलान किया था। अब वहीं उनके बाद विनेश फोगाट ने भी पदक लौटाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा है कि वह अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापिस करने जा रही हैं। विनेश ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापिस कर रही हैं। इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत-बहुत धन्यवाद।
प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
विनेश फोगाट ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि - 'साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्म श्री अवॉर्ड लौटा दिया है। देश के लिए ओलंपिक पदक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिए मजबूर होना पड़ा है यह सब सारे देश को पता है और आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक यह भी मामला पहुंचा होगा। प्रधानमंत्री जी मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको पत्र लिख रही हूं। महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ सहा है उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट-घुटकर जी रही हैं। अब साक्षी ने सन्यास लिया है जो शोषणकर्ता है उसने भी अपना दबदबा रखने के लिए सरेआम शुरु कर दी है यहां तक कि उसने बहुत ही बुरे तरीके से नारे भी लगवाएं हैं। आप अपनी जिंदगी के सिर्फ पांच मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए बयानों को सुन लें आपको खुद पता लग जाएगा कि उसने क्या-क्या किया है उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है। महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली है और हम महिलाओं को जलील करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। उससे ज्यादा गंभीर ये है कि उसने कितनी महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। यह बहुत ही डरावना है।'
'मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन आने लगी है'
हालांकि उन्होंने कहा कि कई बार इन सारे घटनाक्रमों को भूल जाने का भी प्रयास किया है लेकिन इतना आसान नहीं है सर मैं जब आपसे मिली तो यह सब आपको बताया था हम न्याय के लिए एक साल से सड़कों पर घिसड़ रहे हैं कोई हमारी सुध नहीं ले रहा हमारे मेडलों और अवॉर्डों को 15 रुपये के बताया जा रहा है लेकिन ये मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं जब हमने देश के लिए मेडल जीते थे तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया था। अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई है तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है। बजरंग पूनिया ने किस हालत में अपना पद्मश्री वापिस लौटाने का फैसला किया होगा ये मुझे नहीं पता पर मैं उसकी वो फोटे देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूं उसके बाद अब मुझे भी पुरस्कारों से घिन आने लगी है जब ये पुरस्कार मुझे मिले थे तो मेरी मां ने हमारे पड़ोस में मिठाई बांटी थी और मेरी काकी-ताईयों को इस बारे में बताया था कि विनेश की टीवी में खबर आई है उसे जरुर देखना ।
'महिलाओं को है सम्मान से जीने का हक'
'कई बार ये सोचकर घबरा जाती हूं कि अब जब मेरी काकी-ताई टीवी में हमारी हालत देखती होंगी तो वह मेरी मां को क्या कहती होंगी भारत की कोई मां नहीं चाहेगी कि उसकी बेटी की ये हालत हो अब मैं पुरस्कार देकर उस विनेश की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं क्योंकि यह सपना था और जो अब हमारे साथ हो रहा है वह हकीकत मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था जिनका अब मेरी जिंदगी में कोई मतलब ही नहीं रह गया है। हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है इसलिए प्रधानमंत्री सर मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड आपको वापिस देना चाहती हूं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये पुरस्कार हमारे ऊपर कोई बोझ न बन सकें।'
सबसे बड़े अवॉर्ड से सम्मानित है विनेश
आपको बता दें कि विनेश फोगाट को साल 2016 में अर्जुन अवॉर्ड मिला था जबकि साल 2020 में उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड मिला था। खेल रत्न भारत में किसी भी खिलाड़ी को मिलने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है।
साक्षी मलिक ने लिया सन्यास
सुत्रों के अनुसार, भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में बृजभूषण सिंह के खास संजय सिंह के जीत जाने के कुछ ही घंटों के बाद भारतीय महिला रेसलर साक्षी मलिक ने रेसलिंग से सन्यास का ऐलान कर दिया था। वहीं उसके एक दिन बाद ही बजरंग पुनिया ने भी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में अपना पद्म श्री लौटा दिया था। उन्होंने बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास के सामने फुटपाथ पर अपने मैडल रख दिए थे।