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यूएस के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, पहली बार गर्भ में पल रहे बच्चे की कर डाली Brain Surgery

  • Edited By palak,
  • Updated: 06 May, 2023 11:38 AM
यूएस के डॉक्टरों ने किया चमत्कार, पहली बार गर्भ में पल रहे बच्चे की कर डाली Brain Surgery

डॉक्टर्स को ऐसी ही भगवान नहीं कहा जाता है कि उन्होंने आज तक ऐसे कई चमत्कार किए हैं जिन्हें लोगों को शॉक्ड कर दिया है। अब ऐसा ही कुछ हाल ही में डॉक्टर्स की एक टीम ने मां के गर्भ में पल रहे अजन्मे बच्चे के ब्रेन सर्जरी करके चमत्कार कर दिखाया है। यह दुनिया की पहली ऐसी ब्रेन सर्जरी है जिसे डॉक्टरों ने संभव कर दिखाया है। सीएनएन की रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी डॉक्टरों की टीम ने गर्भ में पलने वाले बच्चे की मस्तिष्क के अंदर एक दुर्लभ रक्त वाहिका की असामान्य स्थिति का इलाज करने के लिए उसकी ब्रेन सर्जरी की है। 

डॉक्टरों की टीम ने कर दिखाया कमाल

अमेरिका के शहर बोस्टन में डॉक्टरों की टीम ने यह चमत्कार कर दिखाया है। टीम की यह पहली सर्जरी थी जो सफल रही है। वहीं रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गैलेन मालफॉर्मेशन की नस के रुप में जानी जाने वाली दुर्लभ बीमारी का इलाज करने के लिए सफलतापूर्वक उन्होंने भ्रूण की सर्जरी की है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गर्भ के अंदर हुई यह सर्जरी अल्ट्रासाउंड-ग्राइडेड प्रक्रिया थी। यह सर्जरी मार्च में हुई थी लेकिन इसके बारे में रिपोर्ट वीरवार को स्ट्रोक जर्नल में प्रकाशित की गई है। इस सर्जरी को विनस ऑफ गेलन इंफोर्मेशन(Venus Of Galen Information) का नाम दिया गया है।  

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क्यों पड़ी ब्रेन सर्जरी करने की जरुरत? 

सीएनएन के अनुसार, गैलेन मालफॉर्मेशन की स्थिति तब विकसित होती है जब ब्रेन से हार्ट तक खून पहुंचाने वाली रक्त नालिका का विकास भ्रूण के अंदर नहीं हो पाता है। इस नली के विकसित होने से बच्चे के विकास पर भी बुरा असर पड़ता है। इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा भी रहता है। 

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बच्चे को रहता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

बोस्टन के एक फेमस डॉक्टर ने बात करते हुए बताया कि - 'ऐसी परिस्थिति में बच्चे के ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट फेल होने का खतरा रहता है।  ऐसे मामलों के बच्चे के जन्म के बाद उसका इलाज किया जाता है और उसके ब्रेन में एक कैथेटर डालकर इसके ब्लड सप्लाई की गति को कम किया जाता है। इसी प्रक्रिया में 50 से 60 फीसदी बच्चे बहुत ही कमजोर हो जाते हैं और ऐसे मामलों में मृत्युदर भी करीबन 40 फीसदी के करीब तक होता है।' 

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