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चैत्र नवरात्रि में इस वाहन पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, गरीबी दूर करनी है तो करें ये उपाय

  • Edited By palak,
  • Updated: 06 Apr, 2024 06:44 PM
चैत्र नवरात्रि में इस वाहन पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, गरीबी दूर करनी है तो करें ये उपाय

चैत्र नवरात्रि शुरु होने वाले हैं। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि मां दुर्गा को समर्पित होते है। इस बार चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरु होंगे और इनका समापन 17 अप्रैल को होगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा विधि-विधान से की जाती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर बार नवरात्रि पर मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती है। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं।  मां का इस वाहन पर सवार होकर आना किस बात का संकेत दे रहा है और इस दौरान आप कौन सा उपाय कर सकते हैं। आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं। 

घोड़े पर सवार मां का आगमन नहीं शुभ 

मां दुर्गा चैत्र नवरात्रि में इस बार घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं ऐसे में उनकी यह सवारी अनहोनी की ओर इशारा कर रही है। इससे कई गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। माता रानी की सवारी शेर है परंतु हर बार नवरात्रि में धरती पर आते हुए उनकी सवारी बदल जाती है। माना जा रहा है कि घोड़े पर सवार होकर मां के आने से प्राकृतिक आपदा की आशंका बढ़ती है और सत्ता पक्ष में भी बदलाव देखने को मिलता है।

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दूर होगी गरीबी 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में कुछ उपाय करने से धन संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं। इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दिनों में  यदि नियमित तौर पर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाए तो व्यक्ति को विशेष फल मिलता है। इस पाठ को करने से व्यक्ति के जीवन से आर्थिक समस्याएं खत्म होती है और गरीबी भी दूर होती है। 

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इन नियमों का रखें ध्यान 

दुर्गा सप्तशती के कुछ नियम भी बताए गए हैं जिनका पालन करना जरुरी है।

. इस पाठ को करने से पहले कलश पूजन और ज्योति पूजन करें। 

.  फिर लाल कपड़े पर दुर्गा सप्तशती की पुस्तक स्थापित करें। 

. दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में ओं ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डाये विच्चै नम: का जाप करें।

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. यदि इस दौरान आप दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते तो रोज कवच कीलक और अर्गल स्त्रोत का पाठ करें। इसके बाद कुंजिका स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भी दुर्गा सप्तशती के पाठ जितना फल मिलता है।  

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