एलिज़ाबेथ एंडरसन सिएरा न दूध के सबसे बड़े व्यक्तिगत दान के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया है । उन्होंने 20 फरवरी 2015 और 20 जून 2018 के बीच एक दूध बैंक को आश्चर्यजनक रूप से 1,599.68 लीटर (56,301.20 यूके फ़्लूड औंस) दान कर इतिहास रच दिया है। तभी तो उन्हें प्यार से "दूध देवी" भी कहा जाता है। उन्होंने निस्वार्थ भाव से हजारों बच्चों को अपना स्तन का दूध दान किया और समय से पहले जन्मे बच्चों की जान बचाने में योगदान दिया।
अमेरिका के ओरेगॉन की रहने वाली एंडरसन दाे बच्चों की मां है। उन्हें एक दुर्लभ बीमारी सिंड्रोम है, जिसके कारण वह प्रति दिन 200 औंस स्तन के दूध का उत्पादन करती है, कुल 1.5 गैलन। यह औसत मां से 10 गुना अधिक है। वह स्तन के दूध को स्टोर करने के लिए अपने घर पर पांच फ्रीजर का उपयोग करती हैं। 2014 में एलिज़ाबेथ को हाइपरलैक्टेशन सिंड्रोम का पता चला था। वह नहीं चाहती थी कि उनका दूध बर्बाद हो इसलिए उन्होंने अपना अतिरिक्त स्तन दूध दान करके अन्य माताओं की मदद करने का फैसला किया।
एलिज़ाबेथ नर्सिंग माताओं के लिए स्तनपान को आसान बनाने के लिए एक स्तन पंप कंपनी के साथ सहयोग कर रही है । वह वर्तमान में बेबीबुद्धा नामक एक स्तन पंप कंपनी में लैक्टेशन सर्विसेज के निदेशक के रूप में काम कर रही हैं। वह स्तन के दूध को स्टोर करने के लिए अपने घर पर पांच फ्रीजर का उपयोग करती हैं।
एलिज़ाबेथ बताती हैं कि जब वह 13 सप्ताह की गर्भवती थी तब उसे हाइपरलैक्टेशन सिंड्रोम का पता चला था। मैं उस दौरान एक दिन में 20 औंस स्तन के दूध का उत्पादन कर रही थी। आठ साल बाद यह संख्या दस गुना बढ़ गई है। मेरे तीन बच्चे हैं और स्तन के दूध का उत्पादन कभी धीमा या बंद नहीं हुआ है। मैं अब हर दिन लगभग 200 औंस पंप करती हूं। जब मैंने दूध की मात्रा के बारे में डॉक्टर को बताया तो वह भी काफी हैरान थी"। वह बताती हैं पहली बार पंप करने में उन्हें काफी दिक्कत आई थी लेकिन अब वह चलते-फिरते पंप कर लेती हैं।