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कपूर खानदान को वो चिराग जिसने बर्बादी का मंजर देखा

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 20 Apr, 2022 02:44 PM
कपूर खानदान को वो चिराग जिसने बर्बादी का मंजर देखा

कपूर खानदान, फिल्म इंडस्ट्री के बड़े खानदान में से एक है। बॉलीवुड इंडस्ट्री शुरू करने का श्रेय भी कपूर खानदान को जाता है और इस खानदान ने एक से बढ़ कर एक दिग्गज कलाकार भी इंडस्ट्री को दिए हैं। कपूर फैमिली के घर से भी कई सुपरस्टार्स का जन्म हुआ है और कपूर खानदान के ही चिराग थे शशि कपूर जिन्होंने बतौर एक्टर और प्रोड्यूसर, इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई और कई सुपरहिट फिल्में दी। उनका करियर सुनहरा रहा लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा दौर देखा जो किसी बर्बादी से कम नहीं था क्योंकि उन्होंने ऐसी गलतियां की जिसका उन्हें काफी नुकसान हुआ था हालात इतने बदत्तर- कंगाली वाले हो गए थे कि उन्हें अपने घर का सामान बेचकर गुजारा करना पड़ा था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी तो चलिए आज आपको शशि कपूर से जुड़ी ही कुछ अनसुनी बातें बताते हैं। 

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शशि कपूर, जिनका असली नाम बलबीर राज कपूर था। कोलकाता में 18 मार्च 1938 को उनका जन्म हुआ था। वह राज कपूर और शम्मी कपूर के छोटे भाई और पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे। शशि कपूर, कपूर खानदान के इकलौते और पहले बच्चे भी रहे जिन्होंने विदेशी महिला को अपनी पत्नी बनाया और इस बात के लिए वह काफी सुर्खियों में भी रहे थे। शशि कपूर ने यूके की एक्ट्रेस जेनिफर केंडल से शादी की थी और जेनिफर से उन्हें तीन बच्चे करण, कुणाल, और संजना कपूर हुए और 7 दिसंबर 1984 को सिर्फ 50 साल की उम्र में ही जेनिफर का निधन हो गया था लेकिन शशि ने दोबारा शादी नहीं की एक इंटरव्यू में उनके बेटे कुणाल ने कहा था कि पापा वास्तव में मम्मी जेनिफर के निधन के बाद कभी उभर नहीं पाए, और बाद के कई साल उन्होंने वैरागियों की तरह अपनी जिंदगी बिताई।

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सुपरस्टार की पहचान बनाने वाले शशि कपूर पर एक दौर ऐसा आया जब उनके पास काम नहीं था। 60 के दशक में हालात काफी खराब हो गए थे। इस बात का खुलासा उनके बेटे कुणाल ने ही एक इंटरव्यू में किया था कि पापा को काम मिलना बंद हो गया था जिसके चलते घर की आर्थिक हालत खराब होनी शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा कि पैसों के लिए पापा को अपनी पसंदीदा स्पोर्ट कार भी बेचनी पड़ी थी और मम्मी जेनिफर ने भी अपना कीमती सामान बेचा था।  

 

शशि की हालत ऐसी हो गई थी कि कोई बड़ी एक्ट्रेस भी उनके साथ काम नहीं करना चाहती थी लेकिन एक्ट्रेस नंदा ने उनका साथ दिया था उन्होंने साथ में एक फिल्म की थी जब जब फूल खिले जो बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी। 

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शशि कपूर पढ़ाई में इतने होशियार नहीं थे इसलिए वह खुद को मैट्रिक फेल ही कहते थे जब वह 10वीं में फेल हुए तो पिता ने दोबारा एग्जाम देने को कहा था लेकिन शशि ने यह कहते हुए पढ़ाई छोड़ दी कि वह पिता का पैसा कैंटीन में बर्बाद नहीं करना चाहते थे। इसके बाद शशि ने थिएटर ज्वाइंन कर लिया। पहली तनखाह के रूप में उन्हें 75 रु. मिले थे जो उस समय काफी ज्यादा होते थे। 

 

शशि की शादी मे भी काफी बवाल हुआ था शशि को जैनिफर से तब प्यार हुआ जब उन्होंने शेक्सपियराना नाम से एक थिएटर ग्रुप ज्वाइंन किया था जिसे जीओफ्री कैंडल चलाते थे और जैनिफर उन्हीं की बेटी थी।

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सिर्फ 18 साल के शशि अपने से 4 साल बड़ी केंडल से शादी करने के लिए तैयार थे। शशि ने इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने शादी की बात अपने घर पर कही तो परिवार ने यहीं कहा कि अभी तुम अपनी उम्र तो देखो तो शशि ने कहा था कि वह इंतजार करेंगे और 2 साल इंतजार करने के बाद शशि ने जैनिफर से शादी कर ली।

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उन्होंने फिल्मों में काम सिर्फ अपने परिवार के लिए। उन्होंने शादी के एक साल बाद ही बेटा हो गया था और वह फिल्म में स्टार बनने के लिए नहीं आए थे बल्कि पैसा कमाने के लिए, और एक जॉब की तरह काम करना चाहते थे। एक्टिंग के अलावा उन्होंने कुछ फिल्में प्रोड्यूस भी की थी जिसमें एक थी अजूबा। इस फिल्म में उनके उस समय 8 करोड़ खर्च हुए थे लेकिन फिल्म फ्लॉप रही उन्हें करीब साढ़े तीन करोड़ का घाटा पड़ा था जिसे उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बेच कर चुकाया था। 

 

शशि कपूर को साल 2011 में पद्म भूषण और साल 2015 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया। 4 दिसंबर 2017 में 79 साल की उम्र में वह दुनिया को अलविदा कह गए

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उनके बच्चों की बात करें तो कपूर खानदान के बाकी बच्चों की तरह उनका फिल्मी करियर इतना सफल नहीं रहा लेकिन उन्होंने खुद को अलग-अलग फील्ड में सफल बनाया । कुणाल कपूर ने सिद्धार्थ (1972) फिल्म के साथ अपने करियर की शुरुआत की। कुछ फिल्मों में एक्टिंग करने के बाद, उन्होंने एक्टिंग के करियर को अलविदा कह दिया और खुद की एडवाइजमेंट कंपनी शुरू की और टेलीविजन कमर्शियल एड का प्रोडक्शन और डायरेक्शन करना शुरू किया। 2015 में, उन्होंने सिंह इज ब्लिंग में लगभग 30 सालों के बाद फिल्मों में वापसी की।

 

शशि और जेनिफर के दूसरे बेटे करन कपूर,  एडवाइजमेंट में आने के लगभग 20 साल बाद भी बॉम्बे डाइंग मैन के नाम से जाने जाते हैं। अपने भाई की तरह करण ने भी फिल्मों में किस्मत आजमाई। 'जुनून' के बाद, उन्होंने '36 चौरंगी लेन' (1981), 'सल्तनत' (1986) 'लोहा' (1987) और 'अफसर' (1988) में अभिनय किया। हालांकि, वह अपने पिता की तरह अपनी पहचान नहीं बना सके। दरअसल करण की लुक काफी विदेशी थी इसलिए उनका करियर बॉलीवुड में सफल नहीं हो पाया। करण एक अवॉर्ड विनिंग फोटोग्राफर हैं, जो लंदन में रहते हैं। उन्होंने लोर्ना कपूर से शादी की है और उनके दो बच्चे - अलियाह और ज़च हैं।

 

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शशि कपूर की बेटी संजना ने  फिल्म '36 चौरंगी लेन' से शुरुआत की, जो उनके पिता ने ही बनाई थी। इस फिल्म में उनकी मां ने ही अभिनय किया था और संजना ने अपनी मां की यंग लुक की भूमिका निभाई लेकिन उनका करियर भी सफल नहीं रहा। इसके बाद, उन्होंने फिल्मों को छोड़ दिया और थिएटर पर ध्यान दिया। कई साल रिलेशनशिप में रहने के बाद उन्होंने निर्देशक आदित्य भट्टाचार्य से शादी की लेकिन ये शादी लंबी नहीं चली इसके बाद उन्होंने बाघों के संरक्षण में विशेष योगदान देने वाले वाल्मीक थापर से शादी की, जिनसे उनका एक बेटा है। वे अभी दिल्ली में रहते हैं।

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आपको शशि कपूर और उनके परिवार से जुड़ी ये जानकारी कैसी लगी हमें बताना ना भूलें। 
 

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