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पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को रहती है कमर दर्द की शिकायत, ये हो सकते हैं बड़े वजहें

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 01 Apr, 2024 01:11 PM
पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को रहती है कमर दर्द  की शिकायत, ये हो सकते हैं बड़े वजहें

एक समय में 60 साल के बाद ढलती उम्र में लोगों को कमर दर्द की शिकायत रहती थी। लेकिन आजकल की hectic lifestyle में ये कम उम्र में ही शुरु हो जाता है। 30 से लेकर 40 उम्र के लोगों में भी ये आम है। एक स्टडी की मानें तो पुरुषों से ज्यादा ये समस्या महिलाओं को होती है । अगर आपको भी कम उम्र में लगातार कमर या पीठ दर्द की समस्या रहती है और दवाओं के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है तो इसे हल्के में न लें। इसके पीछे बड़े कारण हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...

प्रेग्नेंसी

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अक्सर कमर दर्द की समस्या से जूझना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी में कमर दर्द की समस्या सबसे ज्यादा दर्द कमर के ठीक नीचे और टेलबोन के पास होता है। प्रेग्नेंसी के 5वें महीने के बाद कमर में होने वाला दर्द बढ़ जाता है और इसकी वजह से महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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ऑस्टिओपोरोसिस

40 की उम्र के बाद महिलाओं में प्री- मेनोपॉज की प्रक्रिया शुरु हो जाती है, इसकी वजह से हड्डियों पर असर पड़ता है। ये एस्ट्रोजन के लेवल के गिरने की वजह से होता है, जिससे हड्डियां काफी कमजोर हो जाती है और कमर में दर्द रहता है।

मोटापा

बढ़ा हुआ वजन भी इसका एक कारण हो सकता है। महिलाओं को हमेशा एक्टिव रहना चाहिए, इससे उनकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है। हर दिन एक्सरसाइज करें। इससे हड्डियों मजबूत रहेंगी।

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मेनोपॉज

महिला के शरीर को काफी कुछ झेलना पड़ता है। उसमें हर 10 साल में बदलाव आता है और बच्चे को जन्म देने के बाद तो शरीर और भी कमजोर हो जाता है। इसके बाद 40-50 की उम्र में मेनोपॉज तक पहुंचते- पहुंचते हड्डियां कमजोर हो जाती है  और शरीर में एस्ट्रोजन की कमी के चलते कमर दर्द रहने लगता है।

सुस्त लाइफस्टाइल

सुस्त लाइफस्टाइल भी इसका एक कारण हो सकती है। एक्सरसाइज न करना, मोटापा तो बढ़ता ही है,  इसके अलावा हार्मोनल बदलाव, तनाव की समस्या, नींद कम आना, विटामिन डी की कमी आदि भी कमर दर्द का कारण बनता है।

ऐसे पाएं कमर दर्द से निजात

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- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
-अपने पोश्चर पर ध्यान दें, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- विटामिन डी और कैल्शियम में से भरपूर डाइट लें।

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