हमारा देश बदल रहा है ...बेटियों को पढ़ा कर परिवार बन रहा है। यह हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि साल 2022 देश की बेटियों ने अपने नाम किया। किसी ने किसी खेल के दुनिया में, तो किसी ने कला की दुनिया में आगे रहकर ना सिर्फ इतिहास रचा है बल्कि हर भारतवासी का सिर गर्व से ऊंचा किया है। वैसे तो बेटियां सालों से हर कदम पर साबित करती आ रही हैं कि वह बेटों से कम नहीं हैं, लेकिन ये साल बेटियों के लिए कई मायने में खास रहा। आज हम आपके लिए उन महिलाओं और बेटियों की कुछ बेमिसाल कहानियां लेकर आए हैं, जिन्होंने देश को नई दिशा और प्रेरणा देने का काम किया है और देश को गौरवान्वित ये साल अपने नाम किया है।
सरगम कौशल
सबसे पहले बात करते हैं सरगम कौशल की जिन्होंने मिसेज वर्ल्ड का खिताब जीत कर भारत के 21 साल के लंबे इंतजार को खत्म कर दिया। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली जम्मू निवासी महिला सरगम कौशल को अमेरिका के लास वेगास में मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया गया। श्रीमती कौशल ने 63 देशों के प्रतियोगियों को पीछे छोड़ते हुए 21 साल बाद खिताब वापस भारत लाया। भारत ने केवल एक बार मिसेज वर्ल्ड का खिताब जीता था जब 2001 में डॉ अदिति गोवित्रीकर ने प्रतिष्ठित ताज हासिल किया था।
दीपिका पादुकोण
अब बात करते हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की जिन्होंने भारत को गर्व कराते हुए कतर के लुसैल स्टेडियम में फीफा वर्ल्ड कप 2022 की ट्रॉफी लॉन्च की। इसी के साथ वे ऐसा करने वाली पहली भारतीय बन गई। दुनिया की टॉप 10 सबसे खूबसूरत महिलाओं की लिस्ट में एकमात्र भारतीय होने के साथ- साथ दीपिका पॉप कल्चर ब्रांड्स के लिए ग्लोबल चेहरे के रूप में चुनी जाने वाली अकेली इंडियन भी है। दो बार टाइम मैगज़ीन अवॉर्ज विनर कोअक्सर वर्ल्ड के विभिन्न क्षेत्रों के लीडर्स के साथ मान्यता दी गई है।
गीतांजलि त्रिपाठी
भारत का सीना गर्व से चौड़ा करने वाली बुशू खिलाड़ी गीतांजलि त्रिपाठी को भला कौन भूल सकता है।सतना की गीतांजलि ने जार्जिया में आयोजित वूशू स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। जॉर्जिया में हुए अंतर्राष्ट्रीय वुशु गेम्स में तिरंगे के साथ एक युवा खिलाड़ी जब विक्ट्री स्टैंड पर खड़ी हुई तो पूरा देश भावुक हो उठा। जीत के बाद गीतांजलि जब अपने घर लौटी तो उनका शानदार स्वागत किया गया।
मीरा बाई चानू
मीराबाई चानू 49 किलोग्राम भार वर्ग में वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत कर एक बार फिर इतिहास रचने में कामयाब हुई। 48 किलोग्राम के अपने वज़न से क़रीब चार गुना ज़्यादा वज़न यानी 194 किलोग्राम उठाकर मीरा ने 2017 में वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। मीरा की ज़िद ने आज उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया है, भारत की इस बेटी पर हर किसी को गर्व है।
सुष्मिता शुक्ला
इसी साल भारतीय मूल की सुष्मिता शुक्ला को फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क की फर्स्ट वाइस प्रेसिडेंट और सीईओ नियुक्त किया गया है।सुष्मिता शुक्ला से कई सारी महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी ताकि वह अपने-अपने क्षेत्र में कुशलता और निपुणता से काम करें और अपने जीवन में सफलता को हासिल करें। सुष्मिता को यह पद मिलना भारत के लिए गर्व की बात है।
अभिलाषा बराक
भारतीय महिलाएं आजकल हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिला कर चल रही है। इस साल भारतीय सेना को इतिहास में पहली बार आर्मी एविएश कॉर्प्स (Army Aviation Corps) के तौर पर पहली महिला अधिकारी मिली है। 26 साल कि कैप्टन अभिलाषा बराक को भारतीय सेना के इतिहास का पहला महिला कॉम्बैट एविएटर बनाया गया है। पूरे देश को अभिलाषा कि इस उपलब्धि पर गर्व है।
नमिता थापर
फोर्ब्स के नवंबर अंक में प्रकाशित 20 एशियाई महिला उद्यमियों की सूची में तीन भारतीयों को शामिल किया गया, जिसमें नमिता थापर का नाम भी शामिल था। थापर फार्मा कंपनी एमक्योर की सीईओ हैं।महाराष्ट्र में जन्मीं थापर आईसीएआई से चार्टर्ड अकाउंट की डिग्री लेने के बाद वह अमेरिका चली गई। वहां बिजनस का अनुभव लेकर वह भारत लौटीं और आज उनकी कुल नेटवर्थ 600 करोड़ रुपये है। वो शार्क टैंक इंडिया सीजन 1' में भी जज की भूमिका निभा चुकी हैं।