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बच्चों ने स्टोरी टेलिंग के जरिए दिखाई अपनी प्रतिभा, टीचर रणदीप ने दिया 'Barefoot Souls' किताब का रूप

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 04 Aug, 2021 05:00 PM
बच्चों ने स्टोरी टेलिंग के जरिए दिखाई अपनी प्रतिभा, टीचर रणदीप ने दिया 'Barefoot Souls' किताब का रूप

कहते हैं बच्चे जो भी सिखते हैं वो अपने गुरू से सीखते हैं और पहला गुरू कोई और नहीं उनके माता-पिता ही होते हैं क्योंकि शुरुआती शिक्षा उन्हें वहीं देते हैं और जब वह स्कूलिंग शुरू करते हैं तो अध्यापक उन्हें गुरू के रूप में मिलते हैं। अध्यापक का एक विद्यार्थी की जिंदगी में एक अहम योगदान रहता है क्योंकि उनके दिखाए मार्ग दर्शन पर ही बच्चे अपनी प्रतिभा को निखारते हैं। 

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ऐसी ही कार्यों में जुटी हैं रणदीप ढिल्लों मंड जो काफी समय तक टीचर रह चुकी हैं और अब वह बच्चों को स्टोरी टेलिंग और स्टोरी राइटिंग की अद्भुत कला सिखाने में जुटी हैं। उनके द्वारा सिखाएं बच्चों ने अपनी सोच से कई स्टोरीज लिखीं हैं जिन्हें रणदीप ने एक बुक बेयरफुट सॉल्स में पब्लिश किया है। यह किताब जैसे ही मार्कीट में आई इसकी डिमांड भी तेजी से बढ़ी। अमेजन पर भी यह किताब उपलब्ध है। 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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चलिए आपको बताते हैं कि रणदीप ढिल्लों का यह सफर शुरू कैसे हुआ और उन्होंने बच्चों को स्टोरी टेलिंग और राइटिंग की ट्रेनिंग देने की शुरूआत कब से की।

कैसे शुरू हुआ रणदीप ढिल्लों का यह सफर

रणदीप ढिल्लों मंड टीचर रह चुकी हैं और उन्होंने करीब 4 साल पहले उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और लॉकडाउन के दौरान 'द फैबल गार्डन' के जरिए बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा देने की सोची। उनका उद्देश्य जालंधर शहर में बच्चों के बीच कहानी सुनाने और पढ़ने की कला को पुनर्जीवित करना था।

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द फैबल गार्डन से निखारी बच्चों की प्रतिभा

'द फैबल गार्डन' के जरिए वयस्कों के 'लेखन' पर काम किया और  बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए कई बुक्स गिफ्ट दी ताकि बच्चों की दिलचस्पी इस ओर बढ़े। आनलाइन वर्कशॉप और क्लासेज के जरिए उन्होंने 8 से लेकर 14 साल के बच्चों को करीब 2 महीने तक ट्रेनिंग दी और 16 बच्चों को तैयार किया। 

बच्चों ने भी दिखाई रुचि

वैसे तो आमतौर पर बच्चे पाठक या श्रोता होने तक ही सीमित रहते हैं लेकिन इस बुक के जरिए बच्चों ने अपनी कला का अच्छी तरह प्रदर्शन किया और विभिन्न पात्रों, कहानी सेटिंग्स व समय-सारिणी के साथ अपनी क्रिएटिविटी दिखाई। नामांकित हुए बच्चों ने भी लिखने में अपनी रुचि दिखाई और जल्द ही बच्चों की प्रतिभा निखरती गई। बच्चों ने खुद ही अपने द्वारा लिखी स्टोरीज, टीचर रणदीप मंड को दी जिसे रणदीप मंड ने 'बेयरफुट सोल्स' पुस्तक में संकलित करवाया। 

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6वें स्थान पर पहुंची 'Barefoot Souls'

नतीजन बच्चों की यह किताब सबसे अधिक बिकने वाली नई रिलीज की सूची में 6वें स्थान पर आ चुकी हैं। बच्चों द्वारा लिखी गई कहानियों की यह किताब Amazon और Flipkart पर उपलब्ध है। इस किताब में बच्चों द्वारा लिखी गई कई मजेदार कहानियां है जैसे 'एक जापानी राजकुमारी अपने राज्य से भाग जाती है और उसे माता-पिता द्वारा वापस मनाना पड़ता है।', 'पंजाब में एक नए खेत में एक पुराने ट्रैक्टर में जान आ जाती है।', 'एक प्राचीन भारतीय शहर का राजा युद्ध और रक्तपात से बाहर निकलने का रास्ता खोजता है।' आदि।

रणदीप मंड बताती हैं कि जब उन्होंने इस अभियान की शुरूआत की तो उन्हें बच्चों का अच्छा सहयोग मिला। उनकी प्रतिक्रिया काफी अच्छी थी, जिससे उन्हें आगे बढ़ने का हौंसला मिला। कई अन्य लोगों ने भी उनकी इस कोशिश की सहारना की।

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आप भी अपने बच्चों की स्टोरी टेलिंग और राइटिंग की रूचि को बढ़ावा दें ताकि बच्चे अपनी लिखने और कहानियां सुनाने की कला को निखार सकें।

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