अफगानिस्तान पर तालिबान की सत्ता आने के साथ ही महिलाओं की दुर्दशा काफी दयनीय हो गई है। एक बार फिर से महिलाओं के अधिकारों को छीना जा रहा है। हालांकि तालिबान ने वादा करते हुए कहा कि महिलाओं के अधिकारों का उनके शासन में सम्मान किया जाएगा। मगर इसके पीछे की सच्चाई तो कुछ और ही सामने आ रही है। हाल ही में सोशल मीडिया पर काबुल एयरपोर्ट की कुछ तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। जिसमें महिला और बच्चे खून से लथपथ दिखाए दे रहे हैं।
इन तस्वीरों को लॉस एंजिलिस टाइम्स के रिपोर्टर मार्कस यैम ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि तालिबानियों ने हमला कर इन लोगों को घायल किया है। मार्कस यैम ने कैप्शन में लिखा, 'तालिबान लड़ाके उन हजारों अफगानों की भीड़ पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए गोलियों, चाबुकों, लाठी और धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल किया। जो हवाईअड्डे पर देश से बाहर निकलने का इंतज़ार कर रहे थे। जब मैं वहां था तब कम से कम आधा दर्जन घायल हो गए, जिसमें एक महिला और उसका बच्चा भी शामिल था।'
इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि देश छोड़कर जाने वाली महिलाओं और बच्चों पर तालिबानियों ने हवाईअड्डे पर नुकीले हथियारों से हमला किया। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट से भीड़ को वापस भेजने के लिए तालिबानियों ने फायरिंग भी की थी। वहीं एक वीडियो के जरिए फॉक्स न्यूज ने यह दावा किया है कि सड़कों पर तालिबान लड़ाके घूम रहे हैं और पूर्व-सरकारी कर्मचारियों की तलाश कर रहे हैं। साथ ही वह जगह-जगह पर फायरिंग भी कर रहे हैं।
बता दें काबूल पर कब्जा करने के बाद तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा। उन्हें काम करने और पढ़ने का अधिकार दिया जाएगा। हालांकि स्थानीय मीडिया का दावा किया जा रहा है कि तालिबान के खौफ के कारण महिलाओं को उनके दफ्तरों ने नौकरी छोड़ने का आदेश दे दिया है।