पानी का बिना जिंंदगी जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में पानी हमारे लिए एक जरूरत ही नहीं बल्कि अपने शरीर को क्रियाशील रखने का तरीका भी है। हमारा शरीर लगभग 70 प्रतिशत पानी का होता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी पूरी करने के लिए दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी पीना आवश्यक होता है। लेकिन बहुत लोग पानी पीने में लापरवाही बरतते हैं जिसके चलते कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, डिहाइड्रेशन होने से पूर्व ही हमारा शरीर पानी की कमी के संकेत देने लगता है, ऐसे में इन संकेतों को भांप कर भरपूर पानी पीने से डिहाइड्रेशन का शिकार होने से बचा जा सकता है। तो आइए जानते हैं ऐसे कुछ संकेतों के बारे में-
डिहाइड्रेशन से दिमाग पर असर
हमारे शरीर का दो तिहाई हिस्सा पानी ही होता है। शरीर से रोजाना 2.5 लीटर पानी पानी निलकता है। पानी की चोड़ी सी भी कमी व्यक्ति के दिमाग और पर गहरा असर डालती है। ऐसे में यदि पर्याप्त मात्रा में पानी न पीया जाए तो कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। डिहाइड्रेशन होने पर ब्रेन की काम करने की क्षमता धीमी हो जाती है। आपको जानना चाहिए कि जिस तरह हमारी बॉडी का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी है, वैसे ही अगर दिमाग की बात करें तो यह भी 70 प्रतिशत लिक्विड ही है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में हमारा दिमाग किसी एक काम पर फैकस नहीं कर पाता है। बेचैनी, छटपटाहट जैसी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि जब हम पानी पीते हैं या लिक्विड डायट लेते हैं तो हमें शांति का एहसास होता है।
अधिक भूख लगना
अगर आपको बार-बार भूख लगती है तो ये आपके शरीर में पानी की कमी के कारण हो सकता है। साथ ही अगर अधिक मात्रा में मीठा खाने का मन करे तो इसका महतब है ब्लड शुगर लेवल नीचे गिर रहा है। इसके लिए भी पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना अच्छा होता है।
पीले रंग के युरिन का पास होना
यूरिन का रंग जितना अधिक हल्का होता है, उसका अर्थ है कि शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा जा रही है। लेकिन, यूरिन का रंग हल्के पीले से लेकर गाढ़ा पीला हो तो यह डिहाइड्रेशन की निशानी है। डिहाइड्रेशन होने का एक यह भी लक्षण होता है कि पीला यूरिन आने के बाद जलन या तेज खुजली की दिक्कत होना। साथ ही डिहाइड्रेशन होने पर यूरिन की मात्रा भी कम हो जाती है।
सांस लेने में समस्या
जब हमारे शरीर में पानी की कमी होती है तब व्यक्ति मुंह से सांस लेना शुरु कर देता है और उसके कारण मुंह और गला सुखा-सुखा रहता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूखेपन के कारण मुंह में सलाइवा (थूक) की प्रर्याप्त मात्रा नहीं बन पाती है, जिससे न सिर्फ सांस लेने में परेशानी होती है बल्कि मुंह से बदबू भी आने लगती है।
सिर दर्द और थकान महसूस होना
जब व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी होने लगती है जब वह खुद को ज्यादा थका हुआ महसूस करने लगता है। जरा सी मेहनत से ही सांस फूल जाती है, जिसके कारणवश ब्लड प्रेशर लो होने लगता है। इसी वजह से व्यक्ति को थकान, घबराहट, सिरदर्द और डेजिनेस ( हर समय नींद का अनुभव करना) की समस्या हो सकती है।