गलत लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ रहा है। इन्हीं में से एक है अस्थमा अस्थमा सांस से जुड़ी एक समस्या है। इसमें मरीज के फेफड़ों में सूजन आ जाती है जिसके कारण सांस लेने में भी दिक्कत आती है। इसके अलावा अस्थमा के मरीजों का शारीरिक गतिविधियों को करने में भी समस्या आती है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक करोड़, 72 लाख लोग अस्थमा की बीमारी से जूझ रहे हैं। यह बीमारी क्या है और व्यक्ति को क्यों घेरती है आज आपको इसके बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं ...
क्या होता है अस्थमा ?
जब व्यक्ति सांस लेता है तो हर सांस के साथ मुंह या नाक से हवा अंदर जाती है। यह हवा गले में जाती है और एयरवेज से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचती है। फेफड़ों में कई सारे छोटे-छोटे वायुमार्ग होते हैं जो हवा से ऑक्सीजन को लेकर आपके रक्त प्रवाह में पहुंचाने में मदद करते हैं। अस्थमा के लक्षण व्यक्ति में उस समय दिखते हैं जब वायुमार्ग की परत में सूजन आ जाती है। इसके अलावा मांसपेशियों में भी तनाव आने लगता है। जिसके बाद बलगम वायुमार्गों में भर जाता है। इसके कारण यहां से गुजरने वाली हवा की मात्रा कम होने लगती है। इन स्थितियों में अस्थमा का अटैक आने लगता है जिसके कारण खांसी और छाती में अकड़न महसूस होने लगती है।
इसके लक्षण
इसका मुख्य लक्षण है सांस लेने पर निकलने वाली कर्कश या सीटी की आवाज है। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण जैसे
. खांसी
. सीने में जकड़न
. सांस लेने में कठिनाई
. बैचेनी या घबराहट होना
. थकान
. छाती में दर्द रहना
. तेज-तेज सांस लेना
. बार-बार इंफेक्शन होते रहना
. नींद न आ पाना
कुछ शुरुआती लक्षण
इसके अलावा अस्थमा का अटैक आने पर भी कुछ शुरुआती लक्षण दिखते हैं जैसे
. बलगम या थूक का बढ़ जाना
. बहती नाक
. गर्दन या ठुड्डी में खुजली होना
. थकान, कमजोरी या कम एनर्जी महसूस होना
कैसे करें अपना बचाव?
अस्थमा जैसी खतरनाक बीमारी से बचने के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इसके अलावा इंहेलर इस्तेमाल करें। यदि समस्या बढ़ रही है तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरुर करें।