भारत की सबसे कठिन परीक्षा आइएएस का पेपर हर साल लाखों लोग देते हैं। जिनमें से कुछ परीक्षार्थी ही पेपर पास कर पाते हैं। इस पेपर में महिलाएं और पुरुष भी होते हैं। कई महिलाएं देश विदेश की नौकरी छोड़कर भी पेपर की तैयार करती हैं। आज भले ही महिलाएं आसानी से हर परीक्षा का हिस्सा बन पाती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की सबसे पहले महिला आईएएस कौन थी। आज आपको देश की पहली महिला आईएएस के बारे में बताएंगे । तो चलिए जानते हैं इनके बारे में..
अन्ना राजम मल्हौत्रा थी पहली महिला आईएएस
देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी अन्ना राजम मल्हौत्रा थी। उन्होंने सन् 1951 में आईएएस की परीक्षा का हिस्सा बनी और परीक्षा को पास कर पहली भारतीय महिला अफसर बनी थी। अन्ना का जन्म केरल के एर्नाकुलम में 17 जुलाई 1924 में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा कोझिकोड से पूरी की थी। जिसके बाद उन्होंने चेन्नई के मद्रास में स्थित विश्वविद्यालय में से अपनी आगे की शिक्षा पूरी की थी। कॉलेज पूरा होते ही अन्ना ने प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला ले लिया था। जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयार शुरु कर दी थी।
पहली ही बार में की परीक्षा पास
अन्ना राजम ने कड़ी मेहनत और परिश्रम के साथ पहले प्रयास में ही संघ प्रशासनिक सेवा का पेपर पास कर लिया था। उन्होंने मद्रास कैडर से आईएएस की ट्रेनिंग ली थी।
एशियाई खेलों में दिया था योगदान
देश की पहली महिला आईएएस बनने के बाद अन्ना राजम मल्हौत्रा ने अपनी सेवा काल में देश के दो प्रधानमंत्रियों और सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया था। इसके अलावा उन्होंने अपने सेवा काल में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ भी काम किया था। 1982 के दौरान एशियाई खेलों का आयोजन हुआ था जिसमें अन्ना राजम मल्हौत्रा ने खेलों की प्रभारी के तौर पर काम किया था। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी काम किया था।
1989 में मिला था पद्म भूषण
देश की सेवा करने के लिए अन्ना राजम मल्हौत्रा को साल 1989 में भारत सरकार के द्वारा पद्म भूषण अवॉर्ड भी दिया गया था। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने प्रसिद्ध होटल लीला वेंचर लिमिटेड के डॉयरेक्टर के पद पर भी काम किया था ।