कई बार बच्चे छोटी उम्र में ही ऐसा काम कर जाते हैं जो किसी के लिए मिसाल बन जाता है। ऐसा ही एक नाम है नन्ही शेफ आंत्रप्रेन्योर विनुशा, जो साल की उम्र में अपनी बेकरी चला रही हैं। चलिए आपको बताते हैं घर की किचन से मार्कीट में पहुंचने की नन्ही शेफ विनुशा की कहानी...
9 साल की उम्र में बनाया मां के लिए केक
चेन्नई की रहने वाली विनुशा अमृता विद्यालय की छात्रा है। वह 9 साल की थी जब उन्होंने अपने हाथों से मां के लिए केक बनाया। केक बनाने के लिए उन्होंने यूट्ब (YouTube) वीडियो और अपनी एक दोस्त की मदद ली। तभी उन्हें अहसास हुआ कि उनके पास टैलेंट और उन्होंने इसे आगे ले जाने की ठान ली।
छोटी उम्र में खोली खुद की बेकरी
उनके माता-पिता को जब विनुशा की रुचि के बारे में पता चला तो वह उन्हें कई आंत्रप्रेन्योर्स सेशंस में ले गए। वहां उन्हें कहानियां सुनकर खुद का ब्रांड खोलने का आइडिया आया। फिर अपने माता-पिता की मदद से उन्होंने 'फोर सीजन्स पेस्ट्री' की शुरूआत की। इस काम में महारथ हासिल करने के लिए विनुशा ने 5 स्टार होटर और एक कैफे से इंटर्नशिप भी की।
4 सीजन से प्रेरित हैं कपकेक्स
उनकी बेकरी के कपकेक का बेस तो एक जैसा होता है लेकिन क्रीम और फ्रॉस्टिंग अलग होती है। वह 4 सीजन से प्रेरित कपकेक्स बनाकर पार्टी के लिए बेचती हैं, जिसमें कलाकंद से बने बर्फ के टुकड़े सर्दी, नारंगी गर्मी, फूल वसंत और बिखरे नारंगी पत्ते शरद ऋतु का प्रतिनिधित्व करते हैं। बता दें कि वह अब तक 600 से अधिक केक्स बना चुकी हैं।
5 स्टार होटल से किया इंटर्नशिप
बता दें कि उन्होंने जनवरी में एक बेकिंग किट शुरू की थी, जिसमें इंग्रेडियेंट्स, एक नोट, व्यंजन, सामग्री के साथ बहुत कुछ शामिल था। यही नहीं, कोरोना काल से पहले मुंबई में यंग एंटरप्रेन्योर्स एकेडमी (YEA!) प्रदर्शनी के दौरान उन्होंने 10 किट बेची थी, जिसकी कीमत करीब 450 रु थी।
नए एक्सपेरिंमेंट भी करती हैं विनुशा
विनुशा ने वेनिला व ब्लैक फॉरेस्ट केक पर भी एक्सपेरिमेंट किया, जो सफल भी रहा। वह इस फ्लेवर के अब तक 15 केक बेच चुकी हैं। साथ ही वह होममेड चॉकलेट, ब्लांडिज, चिकन व वेजिटेरियन सैंडविच में भी हाथ अजमा चुकी हैं।
माता-पिता का सबसे बड़ा योगदान
एक इंटरव्यू के दौरान विनुशा ने बताया कि इस बिजनेस को ऊंचाईयों तक पहुंचाने में उनके पेरेट्स का सबसे बड़ा हाथ है। साथ ही वह डोसा कल्ल के संस्थापक सुरेश चिन्नास्वामी, फेमस पेस्ट्री शेफ लक्ष्मी रेड्डी और गीताकृष्णन सर को भी अपना गुरु मानती हैं।
काम व पढ़ाई का तालमेल
कुकिंग के साथ पढ़ाई का तालमेल बिठाना विनुशा के लिए आसान नहीं था लेकिन मेहनत और लगन से उन्होंने इस मुश्किल को भी आसान बना दिया। उनका कहना है, "मैं होमवर्क जल्दी खत्म करके किचन में चली जाती हूं। मुझे इस काम में कोई समस्या भी नहीं है। कुकिंग में मेरी दिलचस्पी और इसे आगे बढ़ाने की सच्ची प्रेरणा मेरी मां की कविता है" इसके अलावा उन्होंने शेफ रुमाना जसील से पेस्ट्री बेकिंग और अपनी मां से बटर चिकन, गोभी मसाला, पनीर बटर मसाला जैसे पारंपरिक व्यंजन भी सीखें।
फ्रांस इंस्टीट्यूट से सीखना चाहती हैं कुकिंग
विनुशा बड़ी होकर फ्रांस या स्विट्जरलैंड के फेमस इंस्टीट्यूट से कुकिंग सीखना चाहती हैं। वह अपने डेसर्ट को नंबर 1 ब्रांड बनाना चाहती हैं। साथ ही वह विदेश में पढ़ाई ना कर पाने वाले लोगों के लिए बेकिंग इंस्टीट्यूट भी खोलना चाहती हैं। फिलहाल वह अपने पेरेंट्स की मदद से शुरू किए गए बिजनेस से लाभ उठा रही हैं।
नन्ही शेफ का कहना है कि महामारी खत्म होने के बाद मैं हैल्दी कपकेक की पेशकश करने के लिए उत्सुक हूं। मैं अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट fourseasonspastry.com को लॉन्च करने का इंतजार कर रही हूं, जिसमें मेरी सभी क्रिएटिविटी शामिल होगी।