एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उठे नेपोटिज्म के मुद्दे पर बहस अभी जारी है। वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बने एक्टर सोनू सूद ने अब इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि आउटसाइडर को इंडस्ट्री में आसानी से कुछ नहीं मिलता। जबकि स्टार किड्स के साथ ऐसा कुछ नहीं होता। उन्हें सबकुछ बिना मेहनत किए मिल जाता है।
आउटसाइडर हमेशा आउटसाइडर रहेगा
हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सोनू सूद कहते हैं कि जब भी कोई व्यक्ति बाहर का होकर बड़ा काम करता है तो गर्व महसूस होता है। वो हर आने वाले नए चेहरों को एक उम्मीद देता है। लेकिन जब ऐसी कोई घटना होती है तो हर किसी का दिल टूट जाता है। वे कहते हैं कि दबाव एक सच है। हजारों लोग यहां काम के लिए आते हैं, जिनमें से कुछ को ही बड़ा ब्रेक मिलता है। वे कहते हैं कि आउटसाइडर हमेशा से आउटसाइडर ही रहता है।
स्टील की नसें हो तभी आना
सोनू सूद आगे बताते हैं कि जब वो इस शहर में आए थे तो उनके पास मेकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री थी। वे कहते हैं कि तब उन्हें लगता था कि लोग कुछ नया करने के लिए उनसे संपर्क करेंगे। हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, उन्हें किसी भी ऑफिस में जाने नहीं दिया जाता था। जिसके बाद सोनू कहते हैं कि इंडस्ट्री में आने वाले आउटसाइडर्स को यही कह सकता हूं कि अगर आपके पास स्टील की नसें हैं, तभी यहां आना। लेकिन किसी भी तरह के चमत्कार होने की उम्मीद ना करना।
स्टार किड्स को ऐसे मिलता है ब्रेक
वहीं स्टार किड्स को ब्रेक देने को लेकर सोनू कहते हैं कि उनके लिए यहां सब कुछ बहुत आसान होता है। बस उनके पिता को करना है और डायरेक्टर या प्रोड्यूसर्स से फिल्म की बात करनी है और उनके बच्चों को ब्रेक मिल जाएगा।