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ड्रिपेशन के अंधकार में धकेल रहा आपको Social Media! संभलकर करें इसका इस्तेमाल

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 07 Jul, 2023 11:05 AM
ड्रिपेशन के अंधकार में धकेल रहा आपको Social Media! संभलकर करें इसका इस्तेमाल

दिन भर घर से बाहर काम-काज खत्म करने के बाद लोग अकसर सोशल मीडिया में शॉर्ट वीडियोज, मीम्स जैसे content को देखकर अपना स्ट्रेस रिलीज करने की कोशिश करते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि ये आपको खुश करने के बजाए निराशा की ओर धकेल रहा है। एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है की लंबे समय तक सोशल मीडिया स्क्रोल करने से एंग्जाइटी, डिप्रेशन और स्ट्रेस का शिकारल हो सकते हैं। 

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'बिहेवियर एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जर्नल' में पब्लिश हुई एक रिसर्च युवाओं में सोशल मीडिया का इस्तेमाल, अकेलापन और साइकोलॉजिकल डिस्ट्रेस का कहना है कि जो लोग सोशल मीडिया का पैसिवली इस्तेमाल करते हैं यानि जो सिर्फ दूसरे लोगों का कंटेंट देखते हैं, उन्हें अकेलापन महसूस होने की संभावना ज्यादा होती है।  वे उन लोगों की तुलना में साइकोलॉजिकल डिस्ट्रेस ज्यादा फील करते हैं जो सोशल मीडिया में ज्यादा एक्टिव तरीके से यूज करते हैं यानि वो लोग जो अपना कंटेंट शेयर करते हैं और दूसरों से बातचीत करते हैं। बता दें इस स्टडी के सर्वे में 18 से 34 साल के 288 लोगों का भाग लिया। स्टडी में 3 तरह के सोशल मीडिया यूज की जांच की गई, जिसमें पैसिव यूज, एक्टिव नॉन सोशल यूज और एक्टिव सोशल यूज शामिल थे।

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पैसिव यूज: इस श्रेणी में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो पूरी तरह से दूसरे यूजर्स द्वारा बनाए गए content  का उपभोग करते हैं।
एक्टिव नॉन सोशल यूज: इस श्रेणी में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जिन्होंने अपना content पोस्ट तो करते हैं लेकिन  दूसरे यूजर्स  के साथ नहीं जुड़े।
एक्टिव सोशल यूज: इस श्रेणी में वे व्यक्ति शामिल हैं जिन्होंने अपना content  पोस्ट किया और दूसरे यूजर्स के साथ बातचीत की।

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स्टडी के अंत में शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि सोशल मीडिया यूजर्स को सोशल मीडिया से जुड़ने के अपने कारणों पर विचार करना चाहिए और जागरूक रहना चाहिए कि निष्क्रिय उपयोग से अकेलेपन, डिप्रेशन और यहां तक ​​कि तनाव की भावनाएं भी पैदा हो सकती हैं। वहीं अगर सोशल मीडिया का ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो (जैसे सोशल मीडिया creators और influencers ) के साथ सीधे संपर्क के बिना सोशल मीडिया सामग्री बनाने और शेयर करने से इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और तनाव कम होता है ।

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