साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है। अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाई जाने वाले नवरात्रों को शारदीय नवरात्री कहते हैं। हर दिन मां अम्बे के 9 अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। देवी को खुश करने के लिए हर दिन नए रंगों का इस्तेमाल भी किया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन में मां शैलपुत्री की पूजा शुभ मुहूर्त में की जाएगी। तो चलिए आपको बताते हैं पूजा की शुभ मुहूर्त और नवरात्रि के प्रारंभ की तिथि...
इस समय करें घटस्थापना
मां दुर्गा के शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरु होंगे। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर सुबह 6.17 से लेकर 7.55 तक हैं। लेकिन यदि किसी कारण आप इस मुहूर्त में घटस्थापना नहीं कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त में स्थापना कर सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त 26 सितंबर को 11.54 से लेकर 12.42 तक है। इस मुहूर्त में भी घटस्थापना करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
सुबह के समय बनेगा सर्वोतम मुहूर्त
पंचांगों के मुताबिक, अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर को सुबह 03.23 से शुरु होगी और अगले दिन सुबह 03.08 बजे तक रहेगी। कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। सुबह के समय कलश की स्थापना करना बहुत ही शुभ हो सकता है।
नवरात्रि में क्यों की जाती है घटस्थापना
हिंदू धर्म के अनुसार, तीज, त्योहारों पर घटस्थापना का बहुत ही शुभ माना जाता है। कलश में देवी-देवताओं, ग्रहों और नक्षत्रों का वास माना जाता है। यह सुख-समृद्धि और मंगल कार्य का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के दिनों में कलश की स्थापना के साथ सारी शक्तियों का आव्हान किया जाता है, जिससे घर में मौजूद सारी नेगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती हैं।