नारी डेस्क: आज हम बात करेंगे शारदीय नवरात्रि के बारे में, जो भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है और हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होता है। इस वर्ष, शारदीय नवरात्रि 2024 मे 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। यह पावन अवसर न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि हमें शक्ति, एकता और विश्वास का संदेश भी देता है। आइए, जानते हैं इस विशेष पर्व की तिथियां, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में!
शारदीय नवरात्रि कब से कब तक हैं
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से आरंभ होगी और 11 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी। इसके बाद, 12 अक्टूबर को दशहरा और मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा। 3 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ ही प्रथम भगवती स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। यह नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की आराधना का विशेष अवसर है, जिसमें भक्तजन निष्ठा और श्रद्धा के साथ अपनी पूजा करते हैं।
पालकी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएंगी, यह इस पर निर्भर करता है कि नवरात्रि का शुभारंभ किस दिन से हो रहा है। यदि नवरात्रि मंगलवार या शनिवार को आरंभ होती है, तो मां दुर्गा की सवारी अश्वयानी घोड़ा मानी जाती है। वहीं, यदि नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार को शुरू होती है, तो मां दुर्गा की सवारी डोली या पालकी मानी जाती है। इसके अलावा, यदि मां दुर्गा रविवार या सोमवार को आती हैं, तो उनकी सवारी हाथी होती है, जो कि सबसे शुभ मानी जाती है। इस प्रकार, नवरात्रि के दिन और मां दुर्गा की सवारी का विशेष महत्व है, जो भक्तों की श्रद्धा और विश्वास को और भी बढ़ाता है।
नवरात्रि और माता दुर्गा का महत्व
नवरात्रि, जो हर वर्ष 9 दिनों तक मनाया जाता है, माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व है। 2024 में यह पावन पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान, माता दुर्गा के प्रत्येक रूप की पूजा की जाती है और उन्हें शेर पर सवार देखा जाता है। शेर, जो साहस और बल का प्रतीक है, माता दुर्गा हर प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं और भक्तों को उनकी शक्ति और साहस का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
माता दुर्गा क्यों करती हैं शेर की सवारी?
शेर भारतीय संस्कृति में बल, साहस और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक माना जाता है। माता दुर्गा का शेर पर सवार होना यह भी दर्शाता है कि उन्होंने न केवल अपनी आंतरिक शक्तियों पर विजय प्राप्त की है, बल्कि उन्हें नियंत्रित भी किया है। यह संदेश उन सभी भक्तों के लिए है कि जब तक हम अपनी आंतरिक शक्तियों और कमजोरियों को समझकर उन पर नियंत्रण नहीं करेंगे, तब तक हम सच्ची शक्ति प्राप्त नहीं कर सकते।
शारदीय नवरात्रि न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें आस्था, एकता और शांति का संदेश भी देती है। इस पर्व को मनाने से न केवल हमें मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह समाज में सामंजस्य और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, इस नवरात्रि पर देवी दुर्गा की उपासना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लाएं।