हिंदू धर्म के अनुसार, सप्ताह में से हर दिन शनि देव को समर्पित होता है। जैसे सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है, बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है और शनिवार का दिन राम भगवान शनिदेव को समर्पित होता है। पंचागों के अनुसार, 17 जनवरी के दिन शनि अपने घर में से निकलकर दूसरे घर यानी कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के कुंभ राशि में जाने से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और वृश्चिक और कर्क राशि पर शनि की ढैय्या शुरु हो जाएगी। ऐसे में आप शनि के कुंभ राशि में जाने से पहले शनिवार को कुछ उपाय करके साढ़ेसाती और शनि ढैय्या का प्रभाव कम कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
लोहे की अंगूठी
शनिवार के दिन आप हाथ में लोहे की अंगूठी डाल लें। इस बात का ध्यान रखें कि अंगूठी को बिना गर्म किए ही बनवाएं। लोहे की अंगूठी आप मध्यमा उंगली में पहन सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होगा।
काली उड़द की दाल की खिचड़ी बनाएं
शनिवार के दिन आप काली उड़द की दाल की खिचड़ी बनाएं। इस खिचड़ी को शनि मंदिर के में जाकर उनकी पूजा करके भोग लगाएं। फिर इसका दान करें। इसके अलावा शनिवार के दिन शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप जरुर करें।
सरसों का तेल चढ़ाएं
शनि मंदिर में जाकर आप शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं और नियमित रुप से 11 छाया का दान करें। बीमार व्यक्तियों की सेवा करें और उन्हें दवा-पट्टी का दान करेंं।
शमी का पौधा लगाएं
आप शनिवार के दिन घर में शमी का पौधा लगाएं। माना जाता है कि इससे भगवान शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनके प्रसन्न होने से शनि की साढ़ेसाती और शनि ढैय्या का प्रभाव कम होगा।
शनि ढैय्या से पीड़ित व्यक्ति को करना चाहिए ये काम
यदि आपके जीवन में शनि की महादशा या शनि की साढ़ेसाती है तो शनिवार के दिन काले कपड़े में सुरमास काजल, कोयला, काले उड़द, काले तिल को बांधें। फिर जिस व्यक्ति पर शनि की महादशा, साढ़ेसाती या शनि ढैय्या है उसके सिर से वारकर बहती नदी में प्रवाह कर दें।