बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर दुनिया को चिंता में डाल दिया है। इसी बीच ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने चेतावनी जारी कर कहा कि ये यह कोविड-19 संकट से कहीं अधिक विनाशकारी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि H5N1 स्ट्रेन कोरोना वायरस से 100 गुना ज्यादा खतरनाक हो सकता है और इससे संक्रमित होने वालों में से आधे लोगों की मौत भी हो सकती है।
मनुष्यों के बीच फैल रहा है वायरस
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस आम तौर पर पक्षियों के बीच फैलता है, लेकिन स्तनधारियों में एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामले यह चिंता पैदा करते हैं कि इससे वायरस मनुष्यों के बीच अधिक आसानी से फैल सकता है क्योंकि पक्षियों की तुलना में स्तनधारी जैविक रूप से मनुष्यों के अधिक करीब हैं। पिट्सबर्ग के जाने-माने बर्ड फ्लू शोधकर्ता डॉ. सुरेश कुचिपुडी ने चेतावनी दी कि एच5एन1 में महामारी फैलाने की क्षमता है, यह इंसानों सहित कई स्तनधारियों को संक्रमित कर सकता है। उन्होंने कहा कि हम इस वायरस के खतरनाक रूप से करीब पहुंच रहे हैं।2020 के बाद H5N1 के नए स्ट्रेन से संक्रमित लगभग 30 प्रतिशत व्यक्तियों की मृत्यु हुई है।
टेक्सास का एक कर्मचारी बर्ड फ्लू से संक्रमित
वहीं इसी बीच अमेरिका में ताजे अंडों की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी ने मुर्गियों में बर्ड फ्लू पाए जाने के बाद टेक्सास संयंत्र में एक व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित पाया गया, जिसके बाद कंपनी ने अस्थायी रूप से उत्पादन रोक दिया है। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि टैक्सास स्थित पार्मर काउंटी में लगभग 16 लाख अंडे देने वाली मुर्गियों और 337,000 चूजों को ‘एवियन इन्फ्लूएंजा' का संक्रमण पाए जाने के बाद नष्ट कर दिया गया। बयान के अनुसार, ‘‘कंपनी संभावित प्रकोप के जोखिम को कम करने के लिए संघीय, राज्य और स्थानीय सरकारी अधिकारियों और केंद्रित उद्योग समूहों के साथ मिलकर काम जारी रखेगी।''
जानवरों में तेजी से फैल रहा है वायरस
इस व्यक्ति में बर्ड फ्लू का एकमात्र लक्षण उसकी आंखों का लाल होना था। संघीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि विश्व स्तर पर किसी स्तनपायी से बर्ड फ्लू के इस प्रकार के संक्रमण का यह पहला ज्ञात मामला है। 2020 के बाद से, बर्ड फ़्लू का वायरस विभिन्न देशों में कुत्तों, बिल्लियों, भालुओं और यहां तक कि सील आदि जानवरों में फैल रहा है। सीडीसी के पूर्व महामारी विशेषज्ञ डॉ. अली खान ने कहा कि अमेरिकी पशुओं में इस बीमारी का पता लगाना आसान नहीं है।
पहली बार कब हुई थी बर्ड फ्लू की पहचान
बर्ड फ्लू के इस वायरस को पहली बार 1997 में हांगकांग में प्रसार के दौरान लोगों के लिए खतरे के रूप में पहचाना गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पिछले दो दशक में बर्ड फ्लू के संक्रमण से 460 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकतर संक्रमित लोगों को यह संक्रमण सीधे पक्षियों से हुआ। वैज्ञानिक लोगों के बीच इसके फैलने के किसी भी संकेत के प्रति सतर्क रहे हैं। 2022 से तीन महाद्वीपों के कम से कम 10 देशों ने विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूओएएच) को स्तनधारियों में प्रकोप की सूचना दी थी, ऐसे और भी देश होने की संभावना है जहां इसका प्रकोप अभी तक पता नहीं चला है या जिन्होंने जानकारी नहीं दी है।
बर्ड फ्लू होने पर दिखाई देते लक्षण
-बुखार
-हमेशा सर्दी-जुकाम रहना
-नाक बहना
-सिर में दर्द रहना
-गले में सूजन
-मांसपेशियों में दर्द
-दस्त होना
-जी घबराना
-पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
-सांस लेने में दिक्कत
-पेट संबंधी परेशानियां
-मसूड़ों से खून आना
बर्ड फ्लू से करें खुद का बचाव
किसी भी मृत या बीमार जंगली जानवरों को छूने से बचें। बर्ड फ्लू के संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए दूसरे व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचें। इसके अलावा जब आप बीमार महसूस करें तो घर पर रहें। इससे आप अपने सहकर्मियों, परिवार और दोस्तों को संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। हालांकि इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है कि इंसानों में ब्लड फ्लू फैल सकता है या नहीं। अभी सिर्फ आशंका जताई जा रही है, लेकिन पहले से ही इसके प्रति सतर्कता बहुत जरूरी है।
इन बातों का भी रखें ख्याल
-अधिक मात्रा में तरल पदार्थों जैसे पानी, सूप और फलों के रस आदि का सेवन करने से इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।
-शराब और तंबाकू का सेवन करने से यह समस्या गंभीर हो सकती है इसलिए इसका सेवन करने से बचें।
-इसमें भाप लेने की क्रिया का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। जिससे सांस लेने में होने वाली दिक्कत ठीक हो जाती है।
-जहां से नॉनवेज खरीदें वहां सफाई का पूरा ध्यान रखें। बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज ना खाएं।