कोरोना वायरस पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहा है। दुनिया भर में अब तक लाखों की गिनती में लोग इस वायरस की चपेट में आकर जान गवां चुके हैं। वहीं लोगों की नजर अब इसकी वैक्सीन पर टिकी हुई है। हाल ही में रूस में बीते दिन यानि शनिवार को कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है। इस खबर के बाद से लोगों की चिंता काफी कम हुई है। इस अभियान के तहत डाॅक्टरों, शिक्षकों और पीड़ित लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा रही है। वहीं रूस कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरम शुरू करने वाला पहला देश बन गया है।
परीक्षण पूरा होने से पहली ही दी जा रही डोज
देश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए पुतिन ने टीकाकरण शुरू करने का आदेश दिया था। रूस में स्वविकसित वैक्सीन स्पुतनिक वी का परीक्षण पूरा होने से पहले ही टीकाकारण अभियान शुरू कर दिया गया है। इस समय रूस में वैक्सीन की 20 लाख खुराक मौजूद है। जिनका इस्तेमाल अगले सप्ताह के अंत तक टीकाकरण में किया जाएगा। गौरतलब है कि रूस दुनिया की पहली कोविड वैक्सीन स्पुतनिक वी को पंजीकृत करने वाला देश बन गया है।
विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
जहां पहले राष्ट्रपति पुतिन की बेटी और कई उच्च अधिकारियों को यह वैक्सीन लगाई गई थी। वहीं अब इस सप्ताह की शुरूआत में नौसेना ने युद्धपोतों में तैनात अपने कर्मियों को वैक्सीन देने का काम शुरू कर दिया है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को का कहना है कि अभी तक देश के एक लाख से ज्यादा लोगों को विभिन्न चरणों में वैक्सीन की खुराक दी गई है। हालांकि कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सवाल उठाते हुए कहा कि वैक्सीन की परीक्षण प्रक्रिया पूरी किए बिना ही उसे सुरक्षित बता दिया गया है।
इन लोगों को मिलेगी मुफ्त खुराक
रूस की सरकार का कहना है कि देश में 18 से 60 साल के लोगों को वैक्सीन की मुफ्त में खुराक दी जाएगी। वहीं इस समय रूस की दो और वैक्सीन परीक्षण प्रक्रिया से गुजर रही है। बीते दिन ब्रिटेन ने अगले सप्ताह फाइजर और बायोएनटेक कंपनियों द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन उससे पहले रूस में टीकाककरण शुरू कर दिया गया है।