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डायटीशियन रुजुता दिवेकर ने बताएं दाल खाने के 3 अहम नियम, नहीं बिगड़ेगा हाजमा

  • Edited By neetu,
  • Updated: 03 Mar, 2021 04:15 PM
डायटीशियन रुजुता दिवेकर ने बताएं दाल खाने के 3 अहम नियम, नहीं बिगड़ेगा हाजमा

भारतीय रसोई में दाल मुख्य तौर पर बनाई जाती है। इसे खासतौर पर लंच व डिनर में खाया जाता है। दालों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होने से इसकी कमी पूरी होने के साथ बीमारियों से बचाव रहता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इसे खाने के कुछ नियम है? जी हां, दाल को नियम का पालन करके खाने से इसका पूरा लाभ मिलता है। इसके लिए बॉलिवुड एक्ट्रेस करीना कपूर व अन्य सेलिब्रिटी की डायटीशियन व फिटनेस ट्रेनर रुजुता दिवेकर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है। इससे उन्होंने दाल खाने के कुल 3 नियम बताए है। ऐसे में इन नियमों का पालन करते हुए दाल खाने से शरीर को पूरा पोषण मिलने में मदद मिलेगी। तो आइए जानते हैं इन खास नियमों के बारे में... 

नियम 1. दाल को भिगोना ना भूलें

आमतौर पर हर कोई दाल को धोकर उसे सीधा कुकर में बना लेता है। मगर इससे उसमें मौजूद सभी जरूरी तत्व नहीं मिल पाते हैं। असल में, दाल कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन, आयरन से भरपूर होती है। मगर इसमें मौजूद अमीनो एसिड बाहर निकालना काफी मुश्किल होता है। ऐसी दाल खाने से शरीर को सही पोषण मिलने में बांधा आती है। साथ ही कई लोगों को एसिडिटी, अपच, गैस, पेट दर्द आदि की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दाल को भिगोकर या अंकुरित करके बनानी व सेवन करना चाहिए। इससे पाचन तंत्र मजबूत होकर पेट संबंधित समस्याएं दूर होने में मदद मिलती है। 

 

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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नियम 2. चावल और रोटी के साथ रखें सही अनुपात

दाल को चावल या रोटी किसी के साथ भी खाया जा सकता है। मगर इसे सही अनुपात में खाना भी जरूरी है। अक्सर लोग प्रोटीन के कारण अधिक मात्रा में दाल खा लेते हैं। ऐसे में वे अनाज को कम खाते हैं। मगर इससे सेहत को पूरा पोषण ना मिलने से विकास करने में रूकावटें आती है। बात इसे खाने के सही अनुपात की करें तो इसे चावल के साथ खाने के लिए 1: 3 और रोटी के साथ  1: 2 अनुपात में खाना चाहिए। 

असल में, दालों में मेथियोनीन नामक एमिनो एसिड और अनाज में लाइसिन की कमी होती है। ऐसे में दाल व अनाज का एकसाथ सेवन करने से इन तत्वों की कमी पूरी करने में मदद मिलती है। इसके सेवन से मुख्य तौर पर 3 फायदे मिलते है। 

एंटी-एजिंग - यह एंटी-एजिंग की तरह काम करते हैं। ऐसे में समय से पहले झुर्रियां व सफेद बाल होने की परेशानी से राहत रहती है। 
इम्‍यूनिटी - इससे शरीर में एंटीबॉडी बनने में मदद मिलती है। ऐसे में बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलने के साथ मौसमी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कम रहता है। 
बोन मास - हड्डियों को मजबूती मिलती है। ऐसे में बेहतर शारीरिक विकास में मदद मिलती है। 

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​नियम 3. अलग-अलग दालों का करें सेवन

बात अगर इनकी किस्मों की करें तो भारत में दालों और फलियों की कुल 65,000 से अधिक तरह की मिलती है। ऐसे में बेहतर शारीरिक विकास व बीमारियों से बचाव के लिए हफ्ते में करीब 5 दिन दाल खानी चाहिए। आप इसे दाल के अलावा पापड़, इडली, डोसा, हलवा व लड्डू आदि तरीकों से डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे पाचन शक्ति मजबूत होने के साथ आंत स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। 


 

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