इन दिनों बहुत ज्यादा ठंड पड़ रही है ऐसे में इस मौसम में कई लोगों के हाथ-पैर सुन्न और उनमें झनझनाहट होने लगती है। हाथ-पैर सुन्न होना ब्लड वेसल्स के सुंकचित होने के कारण होता है। ठंड के मौसम में दिल पर भी काफी जोर पड़ता है जिससे रक्त वाहिनिया इकट्ठी हो जाती हैं और शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। विभिन्न अंगों तक ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से न होने के कारण शरीर के अंग भी सुन्न हो जाते हैं लेकिन सर्दियों में हाथ-पैर सुन्न क्यों होते हैं और इसका क्या कारण है आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं...
हाथ-पैर सुन्न होने के कारण
इन दिनों ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण हाथ-पैर सुन्न पड़ सकते हैं।
. हाथ-पैर की नस दबना
. शरीर में विटामिन्स और मैग्नीशियम की कमी
. एक ही स्थिति में ज्यादा देर बैठने के कारण
. हाई ब्लड प्रेशर या फिर डायबिटीज के कारण
. चोट लगने के कारण
कैसे करें बचाव?
एक्सरसाइज करें
सर्दियों में रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें। इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहेगा। योग और एरोबिक्स नियमित करने से हाथ-पैरों में सुन्नपन दूर होता है।
हल्दी वाला दूध
हाथों-पैरों में झनझनाहट और सुन्न की समस्या दूर करने के लिए आप हल्दी का सेवन कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा हल्दी में कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो सूजन और दर्द दूर करने में मददगार होते हैं। सर्दियों में रोजाना सोने से पहले एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध का सेवन करें।
हाथ-पैरों की मालिश करें
यदि सर्दी में आपके हाथ-पैर सुन्न होते हैं तो प्रभावित जगह की मालिश करें। मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। सर्दी में मसाज करने के लिए आप सरसों का तेल, जैतून का तेल या फिर नारियल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गर्म पानी की सिकाई
ठंड में हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या दूर करने के लिए आप गर्म पानी की सिकाई करें। गर्म पानी से सिकाई करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। गर्म पानी की बोतल से प्रभावित जगह की सिकाई करें। आप चाहें तो गर्म पानी में नमक डालकर उसमें कुछ देर अपने हाथ-पैर भिगोकर बैठें। हाथ-पैर सुन्न होने से आपको काफी आराम मिलेगा।
डाइट बदलें
हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या दूर करने के लिए आप अपनी डाइट में भी बदलाव करें। विटामिन-बी, बी6, बी12 शामिल करें। इसके अलावा दूध, पनीर, दही, मेवा, ओटमील, केला, बींस शामिल करें।