अपने बेबाक ट्वीट के कारण चर्चा में रहने वाली कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है। सस्पेंड अकाउंट के बाद भी रंगोली का ही नाम ट्विटर पर ट्रेंडिंग जा रहा है। अब आप सोच रहे होंगे की आखिर सोशली एक्टिव रहने वाली रंगोली का अकाउंट सस्पेंड किया क्यों गया है ?आइए आपको बताते है कि आखिर ट्विटर ने उनका अकाउंट क्यों ससपेंड किया है।
ट्विटर ने दी थी वार्निंग
दरअसल, ट्विटर की तरफ से उन्हें वार्निंग भी मिली थी।इस बात का खुलासा उन्होंने खुद किया था। उन्होंने लिखा था-'ट्विटर की ओर से मुझे चेतावनी मिली है।' वो काफी ज्यादा हेट (नफरत भरे कमैंट्स, ट्वीट्स ) ही पोस्ट करती थी। किसी भी सोशल साइट पर अपना ओपिनियन रखना सही है। मगर वो ओपिनियन किसी को ठेस पहुंचाए ये कोई भी सोशल साइट प्लेटफॉर्म सह नहीं पाता है।
जब ट्विटर के चेतावनी का यूं दिया था रंगोली ने जवाब
जब ट्विटर ने उन्हें वार्निंग दी थी। तब उन्होंने यह रिप्लाई दिया था-'तो क्या यह ट्विटर राष्ट्रविरोधी है... जब मैंने ट्विटर जॉइन किया था तो लोगों ने कहा कि यह मरा हुआ है इंस्टा पर चले जाओ। यदि ट्विटर मेरे अकाउंट को सस्पेंड कर देता है तो यह वापस उसी कब्रिस्तान की ओर जा रहे हैं जहां यह था और ऐसा तब होता है जब आप किसी ईमानदार आवाज़ को बंद करते हैं।'
ट्विटर पर ही ट्वीट कर लगाती थी ट्विटर की क्लास
उन्होंने ने तो बॉलीवुड स्टार्स की क्लास के साथ-साथ ट्विटर की भी ट्वीट कर क्लास लगाईं है। एक बार उन्होंने लिखा था-'ट्विटर हमसे क्या चाहता है, हम गुडमॉर्निंग कहें... क्या शानदार सुबह है, चलिए चाय पीते हैं...यह रही मेरी चाय की तस्वीर। इन सारी बेवकूफियों के लिए किसके पास समय है...हमारे पास यहां किट्टी पार्टी करने से बेहतर काफी कुछ है करने के लिए।'
एक्टर की बेटी ने भी लगाई थी रंगोली की शिकायत
दरअसल, रंगोली हमेशा विवादित ट्वीट करती है तब एक बार अभिनेता संजय खान की बेटी फराह खान अली ने ट्विटर से शिकायत की थी कि रंगोली का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया जाए। जैसे ही उनका अकाउंट सस्पेंड हुआ। उन्होंने धन्यवाद कहकर रिप्लाई भी किया है।
मोदी जी के लिए किया था विवादित ट्वीट
उन्होंने 14 अप्रैल को सबसे जयदा विवादित ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- 'मेरी मोदी जी से एक ही प्राथना है कि जो लोग मरना चाहते हैं उन्हें जाने दें, उन्हें रोकिए मत. लेकिन किसी भी हालात में इन लोगों को वायरस को दूसरे राज्य तक न ले जाने दें.'