अक्षय तृतीया के पावन उपलक्ष्य में जहां चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हुआ तो वहीं अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला को इस खास मौके पर खास भोगा लगाया गया। शुक्रवार को पहले पूजन-अर्चन कर रामलला के दिव्य आरती उतारी गई इसके बाद भगवान को 11 हजार फलों का भोग लगाया गया। इस दौरान बेहद ही अद्भुत नजारा देखने को मिला।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से मिली जानकारी के अनुसार श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान बालक राम को वैशाख शुक्ल तृतीया यानी अक्षय तृतीया पर हापुस आम और मौसमी फलों का भोग लगाया गया। यह आम शुक्रवार को महाराष्ट्र के पुणे से अयोध्या पहुंचा था जिसे श्रीरामलला सरकार के चरणों में निवेदित किया गया। तीर्थ क्षेत्र के अनुसार रामलला का पूजन-अर्चन कर रामलला के दिव्य आरती उतारी गयी।
भोग प्रसाद में 11 हजार हापुस, मौसमी फलों से भरी टोकरी और आम रस की बोतलें शामिल रहीं। गर्भगृह के द्वार को फलों की लड़ी से सुसज्जित किया गया था। बताया गया कि मौसमी फलों की टोकरी सहित आम्र रस की बोतलें रामलला के चरणों में निवेदित की गई। मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था। बैसाखी शुक्ल तृतीया पर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी थी।
दरसल भव्य महल में रामलला के विराजमान होने के बाद से ही भक्त नई- नई चीजें उन्हें अर्पित कर रहे हैं।. इसी कड़ी में गर्मी के मौसम में महाराज के हापुस आम को समर्पित किया गया। इससे पहले इस महापर्व पर आम के फलों से ही रामलला का दरबार सजाया गया था। दरअसल राम लला का भोग और वस्त्र गर्मी के हिसाब से बदले गए हैं।
ठंड के मौसम में रामलला को मखमली और मोटे वस्त्र धारण कराए जाते थे, जिससे गर्माहट बनी रहती थी। अब गर्मी को देखते हुए भगवान को गोटेदार सूती वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें रबड़ी और दही का भोग लगाया जा रहा है। पहले उन्हें पेड़ा, खीर, पूड़ी-सब्जी का भोग लगाया जाता था।