दक्षिण भारतीय फिल्मों के महानायक रजनीकांत आज 72 वर्ष के हो गये। बतौर बस कंडक्टर अपने करियर की शुरूआत कर दक्षिण भारतीय फिल्मों के महानायक बनने वाले रजनीकांत को यह मुकाम पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। 90 के दशक में रजनीकांत दक्षिण भारतीय फिल्मों के महानायक बन गये। इस दौरान रजनीकांत ने जितनी भी फिल्मों में काम किया सभी ने टिकट खिड़की पर शाानदार प्रदर्शन किया।
बचपन से था सिनेमा के प्रति झुकाव
12 दिसंबर 1950 को बंगलुरू में जन्में रजनीकांत मूल नाम शिवाजी राव गायकवाड बचपन के दिनों से ही फिल्म अभिनेता बनना चाहते थे। रजनीकांत ने परिवार की मदद करने के लिए कारपेंटर से लेकर कुली तक का काम किया। इसी बीच उनका झुकाव सिनेमा की तरफ बना रहा। वह अक्सर स्कूल प्ले में हिस्सा लेते थे। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बंगलुरू ट्रांसपोटर् सर्विस में बतौर बस कंडक्टर काम करना शुरू कर दिया।
1975 में अजमाई फिल्मों में किस्मत
रजनीकांत की फिल्मों दिलचस्पी थी और वह एक्टिंग करना चाहते थे। इसी शौक की वजह से उन्होंने 1973 में मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग में डिप्लोमा लिया। रजनीकांत कंडक्टरगिरी करते देख सिगरेट उछाल कर पीना, गॉगल के साथ खेलना करते रहते थे। यह एक नाटक के मंचन के दौरान फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर उनसे मिले और उनके समक्ष उनकी तमिल फिल्म में अभिनय करने का प्रस्ताव रखा। वर्ष 1975 में के.बालचंद्र के निर्देशन में बनी तमिल फिल्म अपूर्वा रागांगल से रजनीकांत से अपने सिनेमा करियर की शुरूआत की। इस फिल्म में कमल हसन ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
अंधा कानून के जरिये बॉलीवुड में रखा कदम
वर्ष 1978 में प्रदर्शित तमिल फिल्म भैरवी में रजनीकांत को बतौर मुख्य अभिनेता के रूप में पहली बार काम करने का अवसर मिला। यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई साथ हीं रजनीकांत भी सुपरस्टार बन गए। वर्ष 1980 में रजनीकांत की एक और सुपरहिट फिल्म बिल्ला प्रदर्शित हुई। बिल्ला अमिताभ की सुपरहिट फिल्म डॉन की रिमेक थी। वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म अंधा कानून के जरिये रजनीकांत ने बॉलीवुड में भी कदम रख दिया।इस फिल्म में रजनीकांत की भूमिका ग्रे शेडस लिये हुये थी।
दर्शकों को पसंद आया रजनीकांत का अंदाज
दर्शकों को रजनीकांत का अंदाज काफी पसंद आया।अंधा कानून टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इसी दौरान रजनीकांत ने जॉन जॉनी जर्नादन में तिहरी भूमिका निभायी हालांकि यह फिल्म टिकट खिड़की पर कोई करिश्मा नही दिखा सकी। वर्ष 2002 में रजनीकांत की महात्वाकांक्षी फिल्म बाबा प्रदर्शित हुयी हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ढ़ेर हो गयी1बाबा का स्क्रीनप्ले रजनीकांत ने खुद तैयार किया था। वर्ष 2005 में प्रदर्शित फिल्म चंद्रमुखी से रजनीकांत ने एक बार फिर से अपनी शानदार वापसी की।वर्ष 2007 में रजनीकांत की फिल्म शिवाजी द बॉस प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म ने टिकट खिड़की पर सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये।
रोबोट ने रचा इतिहास
शिवाजी द बॉस भारतीय सिनेमा के इतिहास की पहली फिल्म बनी जिसमें हॉलीवुड की रेजोल्यूशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया। वर्ष 2010 में रजनीकांत की फिल्म रोबोट प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म में रजनीकांत के अपोजिट ऐश्वर्या राय थी। रोबोट ने 255 करोड़ रूपये से अधिक की कमाई कर नया इतिहास रच दिया।रोबोट रजनीकांत की तमिल फिल्म इंथीरन का हिंदी वर्सन था। वर्ष 2014 में रजनीकांत की दो फिल्में कोचादाइयां और लिंगा प्रदर्शित हुयी हालांकि दोनो फिल्में टिकट खिड़की पर कोई खास कमाल नही दिखा सकी। वर्ष 2021 में रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रजनीकांत आज भी जोरोखरोश के साथ फिल्म जगत को सुशोभित कर रहे हैं। रजनीकांत की आने वाली फिल्मों में जेलर प्रमुख है।