हमारे देश भारत में बहुत से मंदिर हैं जो काफी रहस्यमयी हैं या जिन्हें अनोखी परंपराओं के लिए जाने जाता है। एक ऐसा ही मंदिर है उत्तराखंड में जहां भक्त सीधे तौर पर प्रवेश नहीं कर सकते हैं। इस मंदिर का नाम लाटू मंदिर है और यहां पर ये अनोखी परंपरा कई सालों से चल रही हैं। कोई भी भक्त सीधा दर्शन करने के लिए नहीं जा सकता है। यही कारण है कि मंदिर का पुजारी मंदिर में प्रवेश से पहले भक्तों की आंखों पर पट्टी बांध देते हैं...
इस वजह से भक्तों की आंखों में बांधी जाती है पट्टी
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में नागराज अपनी मणि के साथ विराजमान है और मणि की तेज रोशनी से किसी भी श्रद्धालु की आंखों की रोशनी जा सकती है। इस कारण मंदिर में प्रवेश से पहले पुजारी भक्तों की आंखों पर पट्टी बांध देते हैं।
वैशाख माह की पूर्णिमा पर खुलता है मंदिर
इस रहस्यमयी मंदिर में सालभर प्रवेश नहीं मिलता है। इस मंदिर के प्रवेश द्वार वैशाख माह की पूर्णिमा के मौके पर खुलता है। सभी श्रद्धालु देवता के दूर से ही दर्शन करते हैं। इस दौरान मंदिर के पुजारी सभी की आंखों पर पट्टी बांधकर पूजा करते हैं।
ऐसे की जाती है इस मंदिर में पूजा
लाटू मंदिर में ज्यादातक विष्णु सहस्त्रनाम और भगवती चंडिका का पाठ किया जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। अगर आपको भी इस प्रसिद्ध और अजीबोगरीब मंदिर के दर्शन करना है तो सबसे पहले आपको चमोली जाना है। दिल्ली से बस यात्रा के जरिए लाटू देवता के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो ऋषिकेश से होते हुए करीब 465 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है।