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इस उम्र के बच्चों को स्पेस देना बहुत जरूरी, बदल दें उनके साथ सोने की आदत

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 27 Jul, 2022 03:12 PM
इस उम्र के बच्चों को स्पेस देना बहुत जरूरी, बदल दें उनके साथ सोने की आदत

हर मां- बाप चाहते हैं कि उनका बच्ची उनकी आंखों के सामने ही रहे। इसलिए वह रात को भी बच्चे को अपने से दूर नहीं करना चाहते। अगर आप भी बच्चे के साथ सोते हैं तो ये आदत बदल दें, क्योंकि ये आपके और बच्चे के लिए आगे जाकर नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि एक उम्र के बाद  माता-पिता को बच्चों के साथ बेड शेयर नहीं करना चाहिए ।

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बच्चों को हो सकती है कई समस्या

विशेषज्ञों की मानें तो एक उम्र के बाद पैरेंट्स के साथ सोने से बच्चों को कई तरह की समस्या घेर सकती हैं, जिसमें मोटापे, थकान, कम ऊर्जा, अवसाद, और याददाश्त का कमजोर होने जैसी समस्याएं शामिल हैं। यह भी कहा जाता है कि  जो बच्चे अधिक उम्र तक मां-बाप के साथ सोते हैं उनके पैरेट्स में लड़ाई-झगड़े और तनाव बढ़ जाता है। 

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इस उम्र में बच्चों में आते हैं शारीरिक बदलाव

ऐसे में सवाल है कि किस स्टेज में बच्चे के साथ सोना बंद कर देना चाहिए? न्यूयॉर्क स्थित बाल चिकित्सक डॉ. रेबेका फिस्क की मानें तो बच्चे में शारीरिक बदलाव नजर आने पर भी  बच्चों के साथ बेड शेयर नहीं करना चाहिए।  बच्चे के शारीरिक बदलाव को प्री-प्यूबर्टी कहा जाता है, जिसमें  इस दौरान लड़कियों में ब्रेस्ट का विकास और पुरुषों में दाढ़ी-मूंछ बढ़ना, प्राइवेट पार्ट के आकार में वृद्धि जैसे शारीरिक परिवर्तन होते हैं। 

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मां- बाप बच्चे को दें स्पेस 

प्यूबर्टी फेज शुरू होने की औसत उम्र लड़कियों में 11 साल और लड़कों में 12 साल होती है। फिस्क के मुताबिक लड़कियों में 8 साल से 13 साल के बीच प्यूबर्टी का शुरू होना भी सामान्य है।  वहीं, लड़कों में प्यूबर्टी 9 साल की उम्र से लेकर 14 साल की उम्र के बीच शुरू हो जाती है।  विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान बच्चों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, इसलिए मां- बाप बच्चे को स्पेस जरूर दें। 

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इस उम्र में डालें अलग सुलाने की आदत

 पैरेंट्स 2 से 3 वर्ष की आयु में बच्चों को अलग सोने की आदत डालनी शुरू करनी चाहिए। क्योंकि इस उम्र में बच्चे अलग सोने की आदत आसानी से सीख सकते हैं। हालांकि ऐसी बहुत से पैरेंट्स है जो 7 से 8 वर्ष तक के बच्चों अपने साथ सुलाना ही पसंद करते हैं। वहीं कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि बेड शेयर करना माता-पिता पर निर्भर करता है। अगर वे अपने शिशु के साथ सोना आवश्यक मानते हैं, तो वे अपने बच्चे के साथ सो सकते हैं। 
 

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