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खतरनाक जीका वायरस का शिकार हो सकते हैं आपके बच्चे, इन तरीकों से करें Parents बचाव

  • Edited By palak,
  • Updated: 13 Dec, 2022 12:27 PM
खतरनाक जीका वायरस का शिकार हो सकते हैं आपके बच्चे, इन तरीकों से करें Parents बचाव

कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी के बाद अब पूरे भारत में जीका वायरस ने कहर मचाना शुरु कर दिया। कर्नाटक के रायचूर में जीका वायरस का पहला मामला आया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संक्रमित एक 5 साल की लड़की पाई गई है। पहले सभी इसे डेंगू और चिकनगुनिया का इंफेक्शन समझ रहे थे लेकिन जब सैंपल का डेंगू और चिकनगुनिया का टेस्ट करवाया था। आमतौर पर ऐसे सिर्फ 10 प्रतिशत सैंपल को पुणे में स्थित लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया था,  जहां 3 में से 1 सैंपल जीका वायरस इंफेक्शन पाया गया था। गर्भवस्था के दौरान नवजात शिशु और बच्चे भी इस जीका वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। जीका से बचाव करने के लिए ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है। ऐसे में अगर आप भी जीका वायरस से बच्चे को बचाना चाहते हैं तो कुछ आसान से टिप्स अपना सकते हैं...

क्या है जीका वायरस? 

गर्भावस्था के दौरान या फिर बाद में बच्चा जीका वायरस से संक्रमित हो सकता है। जीका वायरस एक मच्छर जनित रोग होता है जो संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छरों की एक ही नस्ल के कारण होता है जो मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया जैसे वायरस लेकर जाते हैं।

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जीका वायरस के लक्षण? 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार,  जीका वायरस के कुछ संक्रमित मामलों में इसके लक्षण 3 से 14 दिन बाद ही दिखने शुरु होते हैं। यह लक्षण संक्रमित व्यक्ति को 2 से 7 दिनों तक परेशान भी कर सकते हैं। 

लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं 

रैशेज

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बुखार 
आंख आना 
शरीर और जोड़ों में दर्द होना 

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अच्छा महसूस न कर पाना 
सिरदर्द आदि 

शिशु को होती है खास देखभाल की जरुरत 

जीका वायरस गर्भावस्था में महिलाओं को संक्रमित कर सकता है। महिला जब अपने प्रसव के दो सप्ताह के अंदर जीका वायरस से संक्रमित होती है तो जो यह संक्रमण शिशु तक भी पहुंच सकता है। ऐसे में शिशुओं को निरंतर देखभाल की जरुरत होती है। आप शिशु को जीका बचाव से बचाने के लिए इन नुस्खों को अपना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

. नवजात शिशु और बच्चों की देखभाल माता-पिता को ही करनी होती है। ऐसे मं आप बच्चे को किसी भी तरह के मच्छर को काटने से बचाएं।

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. जीका वायरस वाले मच्छरों को ठहरे हुए पानी जैसे बाल्टियों, जानवरों के बर्तन, तालाबों और फूलों के गमलों में अंडे देते हैं। ऐसे में आप इन स्थानों से बच्चे को दूर ही रखें । 

. बच्चे को मच्छर से काटने से बचाने के लिए आप उन्हें मच्छरदानी या पालना, बेबी करियर या स्ट्रोलर में ढककर रख सकते हैं। इसके अलावा आप बच्चे को किसी सीलबंद मच्छरदानी में सुला सकते हैं। 

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. बच्चे को आप फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं ताकि उनके शरीर का ज्यादातर हिस्सा ढका रहे और बच्चे मच्छर उन्हें काट न सके। 

. शिशुओं को आप ऐसी जगह पर न लेकर जाएं जहां पर मच्छर मौजूद हैं। इसके अलावा बच्चे के चेहरे को कीट विकर्षक से भी दूर रखें क्योंकि सीधे चेहरे पर इसे लगाने से उनके चेहरे को खतरा हो सकता है। 

. बच्चे को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए आप उन्हें तरल पदार्थों का सेवन करवाएं। इसके अलावा इम्यूनिटी बूस्टर फूड भी आप बच्चे को खिला सकते हैं। 

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