नारी डेस्क: बच्चों की ओरल हेल्थ का ध्यान रखना उनके जीवनभर के दांतों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब वे 4 साल के होते हैं। इस उम्र में बच्चों को दांतों की देखभाल करने की आदतें सिखाना शुरू करना चाहिए, ताकि उनके दांत मजबूत रहें और वे भविष्य में किसी भी दांतों की समस्या से बच सकें। आइए जानते हैं कुछ खास आदतों के बारे में, जिन्हें 4 साल की उम्र से बच्चों को सिखाना चाहिए, ताकि उनके दांत हमेशा स्वस्थ और मजबूत रहें।
सही तरीके से दांतों की सफाई की आदत
बच्चों को सुबह और रात में कम से कम दो बार दांतों की सफाई करनी चाहिए। इस आदत को बचपन से ही सिखाना जरूरी है ताकि दांतों में जमी गंदगी, बैक्टीरिया और खाद्य कणों से बचाव हो सके। सही तरीके से ब्रश करने के लिए बच्चों को गोलाई में ब्रश घुमाने और हर दांत पर बराबर ध्यान देने की आदत डालें। इसके साथ ही, बच्चों को मुलायम ब्रिसल वाले ब्रश का इस्तेमाल करना सिखाएं ताकि उनके मसूड़े सुरक्षित रहें और उन्हें चोट न पहुंचे। सही ब्रशिंग से प्लाक और बैक्टीरिया जमा नहीं होते, जिससे कैविटी और मसूड़ों की समस्याएं कम होती हैं और दांतों की सेहत बनी रहती है।
सोने से पहले ब्रश करने की आदत
रात में सोने से पहले ब्रश करना बच्चों के लिए बेहद जरूरी है। दिनभर की खाने-पीने की आदतों से दांतों में बैक्टीरिया और प्लाक जमा हो जाते हैं, जिससे दांतों में सड़न और मसूड़ों में सूजन हो सकती है। रात को मुंह में लार की कमी होती है, और बैक्टीरिया का विकास अधिक तेज़ी से होता है, जो दांतों और मसूड़ों के लिए हानिकारक होता है। बच्चों को सोने से पहले ब्रश करने की आदत डालें ताकि बैक्टीरिया और खाद्य कणों को पूरी तरह से साफ किया जा सके। इससे दांत स्वस्थ रहते हैं और मुंह की बदबू भी नहीं आती।
मीठा खाने के बाद मुंह धोने की आदत
बच्चों को मीठी चीजें खाने के बाद तुरंत मुंह धोने की आदत डालें। मीठी चीजें जैसे चॉकलेट, आइसक्रीम, बिस्किट आदि दांतों में चिपक जाती हैं, और चीनी बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है, जिससे दांतों में कैविटी हो सकती है। यदि बच्चों को मीठा खाने के तुरंत बाद पानी से मुंह धोने की आदत डालें, तो यह चीनी दांतों से निकल जाएगी और दांतों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाया जा सकेगा। यह आदत बच्चों की ओरल हेल्थ को बेहतर बनाएगी और दांतों की सफाई में मदद करेगी।
जीभ की सफाई करने की आदत
जीभ की सफाई को नज़रअंदाज़ करना बच्चों की ओरल हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। जीभ पर बैक्टीरिया और खाद्य कण जमा हो जाते हैं, जो मुंह की बदबू का कारण बन सकते हैं। बच्चों को मुलायम टंग क्लीनर का उपयोग करके रोज़ जीभ साफ करने की आदत डालें। इससे मुंह से बैक्टीरिया और बदबू दूर होती है, और मुंह ताजगी से भर जाता है। जीभ की सफाई से न केवल दांतों की सेहत में सुधार होता है, बल्कि बच्चों को ताजगी और आराम का अहसास भी होता है।
जंक फूड से बचने की आदत
जंक फूड जैसे चिप्स, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स और बर्गर में शुगर और स्टार्च की अधिक मात्रा होती है, जो दांतों के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है। इनका सेवन करने से दांतों में सड़न हो सकती है और उनका कमजोर होना शुरू हो सकता है। बच्चों को जंक फूड से बचाने के लिए उनकी डाइट में फल, सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज जैसे हेल्दी ऑप्शन शामिल करें। ये न केवल दांतों के लिए अच्छे होते हैं, बल्कि बच्चों की समग्र सेहत को भी बढ़ावा देते हैं। स्वस्थ आहार से दांत मजबूत और स्वस्थ रहते हैं।
नियमित डेंटल चेकअप की आदत
बच्चों को हर 6 महीने में डेंटिस्ट के पास लेकर जाना चाहिए और दांतों की नियमित जांच करानी चाहिए। बच्चों के दांतों की विकास प्रक्रिया के दौरान नियमित चेकअप से किसी भी दांत की समस्या का समय रहते पता चल जाता है और इलाज किया जा सकता है। इससे दांतों में किसी भी प्रकार की सड़न, कैविटी या मसूड़ों की बीमारी का पता चलने में मदद मिलती है, और जल्दी उपचार से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। नियमित डेंटल चेकअप से बच्चों के दांतों की सेहत बनी रहती है और उनका विकास सही तरीके से होता है।
इन आदतों को बच्चों की दिनचर्या में शामिल करने से न केवल उनके दांत स्वस्थ और मजबूत रहेंगे, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा क्योंकि वे अच्छे ओरल हेल्थ के साथ बड़े होंगे।