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बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दशहरा,इस पर्व पर बच्चे को जरूर सिखाएं ये बातें

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 11 Oct, 2024 03:28 PM
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दशहरा,इस पर्व पर बच्चे को जरूर सिखाएं ये बातें

नारी डेस्क: दशहरा भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है और इसे भगवान राम द्वारा रावण का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। बच्चों को दशहरे का महत्व बताना आवश्यक है, ताकि वे इस त्योहार के पीछे छिपे संदेश को समझ सकें और जीवन में उसे अपनाएं।

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अच्छाई की जीत का संदेश

दशहरा इस बात का प्रतीक है कि अंततः सच्चाई और अच्छाई की जीत होती है, चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो। भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई का अंत किया और सत्य और न्याय की स्थापना की। यह बच्चों को सिखाता है कि जीवन में ईमानदारी, सत्यता और नैतिकता को अपनाना चाहिए, क्योंकि ये हमेशा जीतते हैं।

 

धैर्य और साहस का महत्व

दशहरा हमें धैर्य और साहस सिखाता है। भगवान राम ने अपने धैर्य और साहस से रावण जैसे शक्तिशाली दुष्ट राजा को हराया। यह बच्चों को बताता है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, अगर हम अपने धैर्य और साहस पर विश्वास रखेंगे, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

 

रावण से सीखने योग्य बातें

रावण विद्वान और बलशाली था, लेकिन उसके अहंकार और बुरी प्रवृत्तियों ने उसे बर्बाद कर दिया। बच्चों को सिखाया जा सकता है कि हमें अपने ज्ञान और शक्ति का सही उपयोग करना चाहिए और अहंकार से बचना चाहिए, क्योंकि अहंकार अंततः पतन का कारण बनता है।

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परिवार और रिश्तों का महत्व

दशहरे का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि भगवान राम ने अपने परिवार (लक्ष्मण और सीता) के साथ मिलकर जीवन की चुनौतियों का सामना किया। यह बच्चों को सिखाता है कि परिवार का साथ और प्रेम किसी भी समस्या को हल करने में मददगार होता है। भाई-बहन और परिवार के प्रति कर्तव्य और आदर का महत्व भी समझाया जा सकता है।

 

त्योहार की सांस्कृतिक धरोहर

दशहरा भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक हिस्सा है। बच्चों को इस त्योहार के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराना जरूरी है ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी धरोहर का सम्मान करें। दशहरे के माध्यम से बच्चों को यह सिखाया जा सकता है कि जीवन में हमेशा अच्छाई का साथ देना चाहिए और गलत मार्ग से बचना चाहिए। रावण के पास शक्ति और ज्ञान होने के बावजूद वह बुराई के रास्ते पर चला, जिससे उसका अंत हो गया।   यह सिखाता है कि बुराई कितनी भी मजबूत क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही जीत होती है।

 

रामलीला का महत्व

 रामलीला के माध्यम से बच्चों को भगवान राम की कथा और उनके जीवन के आदर्शों को समझाने का अवसर मिलता है। यह बच्चों के भीतर नैतिक मूल्यों को विकसित करने में सहायक होता है। उन्हें रामलीला के विभिन्न पात्रों जैसे राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, और रावण के चरित्र के बारे में बताना चाहिए, ताकि वे इनके गुणों से प्रेरणा ले सकें।

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बच्चों को सिखाने के तरीके

- भगवान राम, सीता और रावण की कहानी को सरल शब्दों में सुनाकर बच्चों को इस त्योहार के महत्व को समझाएं। उन्हें कहानी के माध्यम से अच्छाई और बुराई के बीच के संघर्ष को समझाएं।

- बच्चों के साथ रावण के पुतले बनाएं या रामलीला की कहानी पर आधारित चित्र बनवाएं। इससे वे रचनात्मक तरीके से दशहरे के महत्व को समझ सकेंगे।

- बच्चों से सवाल पूछें और उन्हें दशहरे के बारे में बताने के लिए प्रेरित करें। इससे वे सोचने और सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।

-इस त्योहार का संदेश बच्चों को जीवन में अच्छे मूल्यों और नैतिकता का पालन करने की प्रेरणा देता है।

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