आज के समय में cooperate world बहुत चैलेंजिंग और competitive हो गया है। लोग बेहतर फ्यूजर के लिए नाइट की भी शिफ्ट करते हैं। कई लोगों को लगता है कि नाइट शिफ्ट में काम कम होता है और ये काफी आसान है, पर ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। इससे न सिर्फ आपकी नींद प्रभावित होती है बल्कि हेल्थ पर भी गहरा असर पड़ता है। कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने का खतरा रहता है। आइए आपको बताते हैं उसके बारे में...
स्लीप साइकल होता है डिस्टर्ब
जो लोग रात को काम करते हैं, उन्हें पूरी रात जागना पड़ता है। इससे उनका नेचुरल स्लीप साइकल डिस्टर्ब होता है। ऐसे में व्यक्ति दोपहर को सोते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी नींद नहीं मिल पाती है, जो रात को मिलती है। इससे सेहत पर भी असर पड़ता है, क्योंकि रात को सोने से तनाव कम होता है और बॉडी भी हील होती है।
हार्ट अटैक का रहता है खतरा
एक स्टडी की मानें तो नाइट शिफ्ट में करने वाले व्यक्ति को हार्ट अटैक का खतरा 7% तक बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नींद की आदतें में बदलाव के चलते ब्लड प्रेशर और सर्कुलेशन बहुत प्रभावित होता है।
डिप्रेशन के हो सकते हैं शिकार
देर रात काम करने वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी काफी हद तक प्रभावित होता है। साल 2007 में की गई एक स्टडी में ये बात सामने आई थी कि रात में काम करने वाले लोगों में सेरोटोनिन का स्तर काफी कम था। ये एक बॉडी में पाया जाने वाला केमिकल है, जो मूड को बेहतर बनाने में मददगार है।
डायबिटीज ले सकती है चपेट में
दिन में सोने और रात में जगाने से मोटापे के साथ डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, जब व्यक्ति नाइट शिफ्ट में काम करता है तो इससे शरीर का हार्मोन उत्पादन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिसके चलते समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन डी की
शरीर के फिट रहने और हड्डियों के मजबूत रहने के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। इसकी अपूर्ति की वजह से कैंसर, कमजोर हड्डियां, दिल की बीमारी आदि का खतरा रहता है। जो लोग रात को ऑफिस में काम करते हैं और दिन में सोते हैं, उन्हें सूर्य की किरणें नहीं मिलती है और इससे शरीर में विटामिन डी की कमी होती है।
ऐसे करें बचाव
- नाइट शिफ्ट में काम के बीच जल्दी- जल्दी ब्रेक लें।
- दिन के समय भरपूर नींद लेनी चाहिए।
- कमरे का प्रकाश बेहद कम रखें।
- रोजाना एक्सरसाइज करें।
- शराब या कैफीन से परहेज करें।